NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की परेशानी बढ़ी, अब दलित संगठनों ने लगाया जाति प्रमाण पत्र देने का आरोप
समीर वानखेड़े पर दो संगठनों स्वाभिमानी रिपब्लिकन पार्टी और भीम आर्मी ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए झूठा प्रमाणपत्र दिया है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुसीबत बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के बाद अब दलित संगठनों ने समीर वानखेड़े के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया है. दलित संगठनों का आरोप है कि समीर वानखेड़े ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र दिखाया है.
India today में छपी खबर के अनुसार समीर वानखेड़े पर दो संगठनों स्वाभिमानी रिपब्लिकन पार्टी और भीम आर्मी ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए झूठा प्रमाणपत्र दिया है.
मुंबई ड्रग्स केस में आर्यन खान सहित अन्य की गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर समीर वानखेड़े पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने मुसलमान धर्म अपनाने के बाद एससी का प्रमाणपत्र बनवाया और आएएस की परीक्षा पास की.
नवाब मलिक ने वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र को सोशल मीडिया में शेयर भी किया था. जिसमें समीर वानखेड़े को जन्म से मुसलमान बताया गया था. नवाब मलिक का तर्क है कि कानून के अनुसार, जो दलित इस्लाम में परिवर्तित होते हैं, वे आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकते हैं.
समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के आरोपों के बाद यह कहा था कि उनपर जो आरोप लगाये गये हैं वे सरासर झूठे हैं. समीर वानखेड़े ने रिलीज जारी कर बताया था कि उनकी मां मुसलमान थी जबकि पिता हिंदू हैं. उनकी पहली शादी एक मुस्लिम महिला से हुई थी. उन्होंने अपनी मां की इच्छा का सम्मान करते हुए उससे निकाह किया था, लेकिन उन्होंने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत भी शादी की थी, क्योंकि वे हिंदू हैं और उनकी पहली पत्नी मुसलमान थी.
Posted By : Rajneesh Anand