देश में कोरोना संक्रमण के खतरे के बाद सीरोटाइप-2 डेंगू का खतरा बढ़ रहा है. कई राज्यों से मामले सामने आ रहे हैं. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कोरोना के साथ- साथ डेंगू की चुनौती को रेखांकित किया है और इसके लिए तैयार रहने की रणनीति बनायी है.
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस संबंध में राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के साथ बैठक की है. इस बैठक में राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश कोविड-19 स्थिति के हालात पर भी चर्चा हुई. कैबिनेट सचिव ने स्वास्थ्य अवसंरचना को मजूबत करने पर और जरूरी दवाओं के भंडारण पर ध्यान देने की बात कही है. सुविधाओं को लेकर आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है.
शनिवार को इस संबंध में कैबिनेट सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड प्रबंधन और रणनीति की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 11 राज्यों में सीरोटाइप-2 डेंगू संबंधी चुनौती को रेखांकित किया. यह इसके दूसरे स्वरूपों से ज्यादा खतरनाक है.
राज्यों को सुझाव दिया गया है कि इस संबंध में बीमारी का पता लगाने, टेस्ट करने, हेल्पलाइन स्थापित करने की, टेस्ट किट की मात्रा रखने, लार्वानाशक और दवाओं का भंडार रखने की सलाह दी गयी है. राजेश भूषण ने भी सुझाव दिया है बीमारी से निपटने के लिए जरूरी दवा, टेस्ट किट सहित दूसरी जरूरी चीजों की उपलब्धता पर ध्यान देना चाहिए.
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राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 15 राज्यों के 70 जिलों में स्थिति गंभीर है. 34 जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक तथा 36 जिलों में संक्रमण दर 5-10 प्रतिशत है.