मेडेन फार्मा को केन्द्र सरकार की ओर से क्लीन चिट मिल चुकी है. राज्यसभा में गुरुवार को सरकार ने साफ कर दिया कि मेडन फार्मा की खांसी की सिरप के नमूने गुणवत्ता पर खरे पाए गए हैं. इसके बाद शुक्रवार यानी आज भारत के ड्रग कंट्रोलर ने गाम्बिया में होने वाली मौतों के लिए भारतीय मेडन फार्मा की सिरप को समय से पहले कटघरे में खड़ा कर देने पर डब्ल्यूएचओ को पत्र लिखा है.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने WHO को लिखा पत्र: डब्ल्यूएचओ के जल्दबाजी में निष्कर्ष को लेकर देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया WHO को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा है. सख्त शब्दों में लिखे खत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने WHO के रेगुलेशन एंड प्री क्वालिफिकेशन निदेशक रोजेरियो गैस्पर से कहा कि मेडन फार्मा के प्रोडक्ट्स के सभी सेंपल निर्देशों का अनुपालन करते पाए गए हैं.
Drug Controller of India writes to WHO over the premature conclusion linking Indian-made cough syrups to deaths in Gambia. pic.twitter.com/ytyYdhrJOp
— ANI (@ANI) December 16, 2022
केन्द्र सरकार ने दिया क्लीन चिट: गौरतलब है कि अफ्रीकी देश गाम्बिया में तथाकथित भारतीय कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत मामले में कल यानी गुरुवार को सरकार ने मेडन फार्मा कंपनी को क्लीन चिट दे दी. राज्य सभा में जवाब देते हुए केन्द्र सरकार ने कहा कि कफ सिरप की जांच में कोई खामी नहीं पाई गई है. केन्द्र में बताया कि मेडन फार्मा कंपनी की सिरप जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से डॉ वाईके गुप्ता की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिरप की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है.
WHO ने जारी किया था मेडिकल अलर्ट: गौरतलब है कि अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मेडन फार्मास्युटिकल्स के चार कफ सिरप के खिलाफ WHO ने मेडिकल अलर्ट जारी किया था. डब्ल्यूएचओ का कहना था कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की ओर से दूषित और कम गुणवत्ता वाले कफ सिरप गांबिया में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के कफ सिरप के उत्पादन पर रोक लगा दी थी.
Also Read: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना के संतरी ने की गोलीबारी, दो आम नागरिकों की मौत