नयी दिल्ली : दिल्ली बाल अधिकार एवं सुरक्षा आयोग (डीसीपीसीआर) के पास पिछले छह दिनों में करीब 19,000 फोन कॉल आईं जिनमें से ज्यादातार राशन और दवाई की खरीद के संबंध में है. बाल अधिकारों की रक्षा करने वाली इकाई ने ये आंकड़े जारी किए हैं. इसके अलावा, वित्तीय चिंताओं और भविष्य के प्रति अनिश्चितता को लेकर भी डीसीपीसीआर की हेल्पलाइन पर फोन आए.
डीसीपीसीआर ने बंद के दौरान बच्चों और माता-पिता को होने वाली मानसिक परेशानी दूर करने में मदद के लिए पिछले सप्ताह 011-41182977 हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. इसकी शुरुआत होने के एक सप्ताह के भीतर सोमवार की शाम तक डीसीपीसीआर के पास 18,900 फोन कॉल आए. सिर्फ सोमवार को ही हेल्पलाइन पर 7,900 फोन कॉल आईं .
इतनी ज्यादा संख्या में आ रहीं फोन कॉल को देखते हुए, डीसीपीसीआर की योजना इस हेल्पलाइन को मजबूत करने के लिए और अधिक परामर्शदाताओं (काउंसेलर) को इससे जोड़ने की है. दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ हमारी योजना इसमें और विशेषज्ञों को जोड़ने की है.
लोगों को उनकी परेशानियों के बारे में बात करने के लिए एक मंच मिल रहा है और हम समाधान दे रहे हैं. लोगों को इससे लाभ मिला है.” डीसीपीसीआर के आंकड़े के अनुसार, 32 फीसदी फोन कॉल राशन और दवाईयां खरीदने के संबंध में मिले हैं. वहीं 25 फीसदी फोन कॉल वित्तीय चिंताओं और भविष्य की अनिश्चितताओं को लेकर थीं.
डीसीपीसीआर के सदस्य अनुराग कुंडु ने कहा कि लोग अपनी नौकरियों के बारे में चिंतित होने के साथ ही अपने वेतन और नई नौकरियां मिलने को लेकर भी अनिश्चित हैं. वहीं 18 फीसदी फोन कॉल बच्चों की चिंताओं से जुड़ी हैं. वे अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. कुंडु ने कहा कि डीसीपीसीआर से जुड़े परामर्शदाता अपने घरों से काम करते हैं. हेल्पलाइन पर जैसे ही कॉल मिलती है, उसे परामर्शदाता के पास स्थानांतरित कर दिया जाता है