दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर पहुंच गई हैं. गौरतलब है कि मणिपुर सरकार से जब उन्होंने अपने आने को लेकर पत्र लिखा था तो सरकार की ओर से कानून व्यवस्था का हवाला देकर यात्रा के लिए मना कर दिया गया था. इसके बाद भी स्वाती मणिपुर पहुंची हैं. मणिपुर रवाना होने से पहले ही मालीवाल ने कहा कि वह मणिपुर जाएंगी और यौन हिंसा पीड़ित लोगों से मिलेंगी. बता दें, शनिवार को मालीवाल ने आरोप लगाया था कि मणिपुर सरकार ने उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिलाओं से मिलने के लिए राज्य की यात्रा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. वहीं, मालीवाल ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर उनके साथ बैठक करने का आग्रह किया है.
ट्वीट कर दी मणिपुर यात्रा की जानकारी
मणिपुर यात्रा को लेकर मालीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि मणिपुर सरकार ने कानून-व्यवस्था संबंधी स्थिति का हवाला देकर मुझे अपनी यात्रा स्थगित करने को कहा था. उन्होंने कहा कि उनके सुझाव पर विचार-विमर्श करने के बाद मैंने तय किया है अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वो इंफाल जाएंगी. मणिपुर के मुख्यमंत्री से समय मांगा है. उनसे मुलाकात करूंगी और यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं के पास साथ चलने का अनुरोध करूंगी. अपने ट्वीट में उन्होंने रविवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की एक कॉपी भी साझा की, जिसमें उन्होंने सीएम बीरेन सिंह से उनकी यात्रा में मदद मुहैया कराने का आग्रह किया है. साथ ही यह आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार के लिए समस्याएं पैदा करने वाला कोई कार्य नहीं करेंगी.
सीएम के साथ मुलाकात के लिए किया आग्रह
मालीवाल ने पत्र में कहा कि मैं मणिपुर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और यौन उत्पीड़न के मामलों के अत्यंत प्रासंगिक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ एक अति आवश्यक बैठक करना चाहती हूं. राज्य में जारी हिंसा से बचने के लिए कई मणिपुरी महिलाएं दिल्ली आई हैं. मैं आपसे उनके कल्याण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहती हूं. उन्होंने हिंसा प्रभावित उन राहत शिविरों का दौरा करने के लिए भी मुख्यमंत्री से सहयोग देने का आग्रह किया, जहां यौन उत्पीड़न की पीड़िताएं इस समय रह रही हैं. डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, मैं आपसे मेरी यात्रा संबंधी व्यवस्था करने का अधिकारियों को निर्देश जारी करने का अनुरोध करती हूं. इस देश की एक नागरिक और महिलाओं एवं लड़कियों की रक्षा करने वाली एक वैधानिक संस्था की प्रमुख के रूप में, मैं आपसे मणिपुर की बहनों को सहायता और समर्थन प्रदान करने में मदद मुहैया कराने की अपील करती हूं.
समस्या न पैदा करने का दिलाया भरोसा
DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि मैंने मणिपुर जाने का फैसला किया है और मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि मुझे रोका न जाए बल्कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि मैं यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिल सकूं ताकि हम उन तक पहुंच सकें और हर संभव मदद प्रदान कर सकें. मालीवाल ने कहा है कि मैं राज्य सरकार को विश्वास दिलाती हूं कि अपनी यात्रा के दौरान कुछ भी ऐसा नहीं करूंगी जिससे सरकार के लिए कोई समस्या पैदा हो. उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में पीड़ित महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अमानवीय अत्याचार के वीडियो ने देश को झकझोर कर रख दिया है और वह इन महिलाओं को सहायता देना चाहती हैं. डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि उन्होंने यौन हिंसा की शिकार हुई महिलाओं से बातचीत करने के लिए राज्य की यात्रा करने के संबंध में 20 जुलाई को सिंह को और फिर 21 जुलाई को मणिपुर पुलिस के प्रमुख को पत्र लिखा था.
मैंने मणिपुर जाने का फैसला किया है और मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि मुझे रोका न जाए बल्कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि मैं यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिल सकूं ताकि हम उन तक पहुंच सकें और हर संभव मदद प्रदान कर सकें: DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल pic.twitter.com/1PVoAiKabp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2023
मालीवाल ने लिखा था डीएम को पत्र
मालीवाल ने की 21 जुलाई 2023 को एक पत्र इंफाल के डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) को भेजा गया था, जिन्होंने इसे संयुक्त सचिव (गृह) को भेज दिया था और पत्र की हस्ताक्षरकर्ता और उनकी टीम को आवश्यक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था. डीएम ने हमें संयुक्त सचिव (गृह) के संपर्क नंबर भी दिए थे, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि हम मणिपुर की यात्रा कर सकते हैं और वह राहत शिविरों का दौरा करने के लिए हमें आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे. इसके बाद, हमने इंफाल की अपनी यात्रा की योजना बनाई थी. मालीवाल ने पत्र में कहा, हालांकि, अचानक हमें संयुक्त सचिव (गृह) से एक ईमेल मिला जिसमें हमसे मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर अपनी यात्रा स्थगित करने पर विचार करने का अनुरोध किया गया था.
असम राइफल्स ने मणिपुर के नागरिक समाज समूह के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया
इधर, असम राइफल्स ने मणिपुर की राजधानी इंफाल में नागरिक समाज के एक प्रभावशाली समूह मणिपुर की अखंडता पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) के प्रमुख के खिलाफ राजद्रोह और मानहानि का मामला दर्ज किया है. एक उच्च पदस्थ रक्षा सूत्र ने बताया कि समिति ने लोगों से हथियार न डालने का आह्वान किया था, जिसके बाद उसके खिलाफ 10 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई. एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा, हमने चुराचांदपुर थाने में सीओसीओएमआई के समन्वयक जितेंद्र निंगोम्बा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की राजद्रोह से संबंधित धारा 124 ए और धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देने से जुड़ी धारा 153 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
हथियार और गोला बारूद की चोरी
सूत्रों ने आरोप लगाया कि 30 जून को विष्णुपुर के मोइरांग में सेना ने कई महिला प्रदर्शनकारियों से मारपीट की. बहरहाल, सेना ने यह आरोप खारिज किया है. सीओसीओएमआई ने चार जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे एक ज्ञापन में मांग की थी कि मणिपुर में असम राइफल्स को हटाकर किसी अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया जाए. उन्होंने कहा था कि स्थानीय युवा हथियार डालना नहीं चाहते हैं. राज्य में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद पुलिस शस्त्रागार से 4000 से अधिक हथियार और बड़े पैमाने पर गोला-बारूद की लूट होने की खबरें हैं.वहीं, गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बावजूद तकरीबन 1600 हथियार ही वापस मिले हैं.
राज्य में सुरक्षा कड़ी
इस बीच, मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों ने 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के मद्देनजर मणिपुर में कोई दंगा-फसाद होने से रोकने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है. इस वीडियो में कुछ लोग दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते और उनका यौन उत्पीड़न करते दिखाई दे रहे हैं. पुलिस कांगपोकपी जिले में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़कों पर घुमाने से जुड़े मामले के बाकी दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर दबिश दे रही है. अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर पुलिस ने चार मई की इस घटना के संबंध में अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
भाषा इनपुट से साभार