8 लाख परिवारों को सरकार की तरफ से मुफ्त में दिया जाएगा DD सेट-टॉप बॉक्स, जानें कौन उठा सकते हैं फायदा

यूनियन कैबिनेट ने ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट की तरफ से पेश किये गए एक प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव के तहत 8 लाख परिवारों को मुफ्त में डीडी सेट टॉप दिया जाने वाला है. इस प्रपोजल के तहत 2,539.61 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है.

By Vyshnav Chandran | January 4, 2023 9:46 PM

Free DD Set-Top Box: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मिनिस्ट्री ऑफ़ इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग के तरफ से पारित किये गए प्रस्ताव के तहत ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट को मंजूरी दे दी है. इस स्कीम के लिए कुल 2,539.61 करोड़ रुपये तक की लागत आने की उम्मीद है. इस स्कीम के तहत 8 लाख परिवारों को सरकार की तरफ से मुफ्त में DD सेट-टॉप बॉक्स दिए जाएंगे. बता दें इसका फायदा वे परिवार उठा पाएंगे जो कि रिमोट, ट्राइबल या फिर बॉर्डर के करीबी क्षेत्रों में रहते हैं.

क्या है यह स्कीम

इस स्कीम के तहत प्रसार भारती, ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर और डेवेलप्ड बनाया जाएगा. इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्ट्री के तरफ से BIND स्कीम के तहत प्रसार भारती को उसके विस्तार, उन्नायन और ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस आर्थिक सहायता से प्रसार भारती के नागरिक कार्यों को भी काफी सहायता मिलेगी.

ऑफिशियल बयान में कही गयी यह बात

एक ऑफिशियल बयान में कहा गया है कि- सार्वजनिक प्रसारण के दायरे को बढ़ाने के अलावा, प्रसारण बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और वृद्धि के लिए परियोजना में प्रसारण उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित सेवाओं और सेवाओं के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की भी क्षमता है. एआईआर और डीडी के लिए कंटेंट जेनेरशन निर्माण और कंटेंट इनोवेशन में टीवी /रेडियो उत्पादन, प्रसारण और संबंधित मीडिया से संबंधित सेवाओं सहित सामग्री उत्पादन क्षेत्र में विभिन्न मीडिया क्षेत्रों में विविध अनुभव वाले व्यक्तियों के अप्रत्यक्ष रोजगार की क्षमता है.

दूरदर्शन के पास फिलहाल इतने टीवी चैनल

जानकारी के लिए बता दें दूरदर्शन के पास इस समय 36 टीवी चैनल मौजूद हैं और इनमें से 28 रीजनल चैनेल्स है. वहीं अगर बात करें ऑल इंडिया रेडियो की तो इनके पास फिलहाल 500 से ज्यादा ऑपरेटिंग सेंटर्स मौजूद हैं. इस स्कीम की मदद से एफएम ट्रांसमिटर्स के कवरेज को ज्योग्राफिकल एरिया के हिसाब से 66 प्रतिशत तक और पापुलेशन के आधार पर 80 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकेगा.

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