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गंगा सहित अन्य नदियों के तट पर पाये गये शव कोरोना संक्रमितों के, कई लाशें बालू के नीचे दबे मिले

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी सहित अन्य नदियों में बहती शवों पर सरकार ने कहा है कि ये शव कोरोना संक्रमितों के हो सकते हैं. समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक राज्य की सरकार ने एजेंसी को बताया कि ये शव कोरोना संक्रमितों के ही हैं. गंगा में कहती सैकड़ों शवों को देखकर देश में महामारी की भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं कुछ नदियों के तटों पर बालू में दबाये गये कुछ शव भी मिले हैं.

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी सहित अन्य नदियों में बहती शवों पर सरकार ने कहा है कि ये शव कोरोना संक्रमितों के हो सकते हैं. समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक राज्य की सरकार ने एजेंसी को बताया कि ये शव कोरोना संक्रमितों के ही हैं. गंगा में कहती सैकड़ों शवों को देखकर देश में महामारी की भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं कुछ नदियों के तटों पर बालू में दबाये गये कुछ शव भी मिले हैं.

15 मई को समाचार एजेंसी पीटीआई ने कई तस्वीरें जारी की थी कि जिसमें प्रयागराज में नदी के किनारे बालू में गड़े शवों को देखा जा सकता है. पीटीआई की ओर से कहा गया था कि कथित तौर पर लकड़ी की कमी के कारण लोग कोरोना संक्रमितों के शव को बालू के नीचे दबा दे रहे हैं. वहीं कई शवों को गंगा में बहाया भी गया है. हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार ने नदियों के तटों पर कड़ी निगरानी लगा दी है.

रायटर्स के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा कि जो शव भारत की नदियों में पाये गये हैं. वह ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के डर की वजह से नदी में बहा दिये गये हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने 14 मई को जिला प्रमुखों को लिखे अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास ऐसी जानकारी है कि लोग कोरोना संक्रमण या किसी और बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार रीति-रिवाज से करने की बजाए उनको नदियों में बहा रहे हैं. इसी की वजह से कई जगहों पर नदियों से शव बरामद किये गये हैं. ऐसा गरीबी के कारण भी हो सकता है.

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सिंह ने कहा कि राज्य के गाजीपुर जिले में चार से पांच शवों के पोस्टमार्टम में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता नहीं चला है. उन्होंने कहा कि शव सड़ चुके हैं. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि उनमें से कोरोनावायरस संक्रमण का पता लगाया जा सकता है. बता दें कि बिहार और उत्तर प्रदेश प्रशासन ने गंगा में बह रहे शवों को निकालकर उनका रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया है. नदियों में पुलिस गश्त लगा रही है.

बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में पुलिस को शनिवार को भी दो शव मिले. पुलिस ने शवों को निकालकर ग्रामीणों के सहयोग से उनका अंतिम संस्कार कराया. एक शव को उसके परिजन नदी में फेंककर जा रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोका और शव का अंतिम संस्कार करवाया. नदी में शव फेंकने की घटना पर रोक लगाने के लिए पीएसी तैनात की गयी है और नदी में जल पुलिस निगरानी भी कर रही है. बिहार के बक्सर से भी कई शवों को नदी में फेंकने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने उसको विफल कर दिया.

शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अधिकारियों से ग्रामीण स्वास्थ संसाधनों को मजबूत करने को कहा है. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस शहरी क्षेत्रों को तबाह करने के बाद अब गांवों में भी तबाही मचा रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के गांवों में कई मामलों का पता नहीं चल रहा है, जहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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