बरनाला (पंजाब) : भाजपा नेता शीशन जिंदल के इकलौते बेटे चंदन जिंदल की पिछले दिनों यूक्रेन में ब्रेन हैमरेज के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. चंदन का शव शनिवार को बरनाला पहुंचा. बेटे के शव को देखकर मां- बाप फफक-फफक कर रो पड़े. पीड़ित परिवार का कहना है कि वह अपने दम पर ही बेटे के शव को घर तक ला पाए हैं. केंद्र व पंजाब सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की.
भाजपा नेता व पूर्व फार्मेसी अफसर शीशन जिंदल का बेटा चंदन 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था. यहां वह चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था. दो फरवरी की रात उसे ब्रेन अटैक हुआ जिसके बाद वह कोमा में चला गया. चार फरवरी को डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया. बेटे की देखभाल करने के लिए पिता शीशन कुमार जिंदल व ताया कृष्ण कुमार जिंदल यूक्रेन गए थे. इसी दौरान युद्ध शुरू हो गया साथ ही चंदन की वहां के अस्पताल में मौत हो गई थी.
यहां उन्होंने शव को भारत ले जाने के प्रयास शुरू कर दिए. जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ता गया वहां हालत बिगड़ते चले गए. एक मार्च को कृष्ण कुमार जिंदल को वापस बरनाला लौटना पड़ा जबकि कुछ दिन बाद शीशन कुमार भी लौट आए. उन्होंने बेटे के शव के भारत लाने के लिए प्रयास जारी रखे. यूक्रेन से चंदन का शव भारत लाने में पीड़ित परिवार को छह लाख रुपये खर्च करने पड़े. चंदन के चचेरे भाई नीरज ने बताया कि शव को बरनाला लाने के लिए पीड़ित परिवार की केंद्र व पंजाब सरकार ने कोई मदद नहीं की और न ही कोई प्रयास किया. वह अपने प्रयास व खर्च से ही चंदन के शव को बड़ी मुश्किल से भारत ला पाए हैं.
जैसे ही बक्से में चंदन का शव बरनाला में उसके घर पहुंचा मां किरन जिंदल दहाड़े मार-मार कर रोने लगी. वह चीख-चीख कर कह रही थीं कि बेटे को बक्से से निकालों उसका दम घुट रहा होगा. पिता शीशन कुमार का भी रो-रोकर बुरा हाल था. स्थानीय रामबाग में चंदन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.