Farmer Protest: किसानों ने दिल्ली कूच पर लगाया ‘डेड ब्रेक’, दलित प्रेरणा स्थल पर जारी रहेगा धरना, देखें वीडियो
Farmer Protest: किसानों ने अपने दिल्ली चलो मार्च पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है. प्रशासन के साथ किसानों की बात चल रही है. इसके बाद किसान आगे का प्लान बनाएंगे. इस बीच किसानों का प्रदर्शन दलित प्रेरणा स्थल पर जारी रहेगा.
Farmers Protest: किसानों ने दिल्ली कूच के प्लान पर अचानक ‘डेड ब्रेक’ लगा दिया है. हालांकि, किसान दलित प्रेरणा स्थल पर अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. सोमवार को अपनी मांगों को लेकर किसानों ने दिल्ली कूच मार्च निकाला. सुबह हजारों की संख्या में किसान महामाया फ्लाईओवर के पास जमा हुए. यहां से किसान दिल्ली कूच करने लगे. हालांकि शाम होते-होते किसानों ने अपना प्लान बदल दिया. वे दलित प्रेरणा स्थल पर जमा होने लगे. फिलहाल किसान दलित प्रेरणा स्थल पर ही धरना देंगे. बता दें, किसान नये कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और अपनी पांच मांगों पर अड़े हैं.
सड़क से हटाई जा रही बैरिकेडिंग
नोएडा और दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन हो रहा है. किसानों के साथ प्रशासन की बैठक होने वाली है. अगर किसान-प्रशासन की बात से हल नहीं निकलता है तो किसान फिर से दिल्ली कूच का फिर से प्रयास करेंगे. हालांकि बैठक से पहले ही किसानों ने सड़क खाली कर दी है. पुलिस बैरिकेडिंग हटा रही है. बातचीत के दौरान आंदोलनकारी किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर बैठकर प्रदर्शन जारी रखेंगे. सोमवार सुबह किसान नोएडा से दिल्ली कूच करने पर आमादा थे. पुलिस ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल पर बैरिकेड लगाए थे जिसे किसानों ने तोड़ दिया.
दिल्ली सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राजधानी दिल्ली के संसद भवन में शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे में किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाना चाहते हैं. किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए पुलिस का काफी मशक्कत करना पड़ रही है. पुलिस ने सीमा पर बैरिकेड लगाए हैं. भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है. तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में लिया है.
क्या है किसानों की मांग
- भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का चार गुना मुआवजा दिया जाए.
- नये भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ जिले में लागू किए जाएं.
- किसानों की मांग है कि जमीन अधिग्रहण के बदले 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए.
- भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास की सुविधा मिले.
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाए.
6 दिसंबर को और दो संगठन निकालेंगे मार्च
किसान अपनी मांग पर अड़े हैं. मुख्य सचिव के वार्ता के कारण किसानों ने दिल्ली कूच को विराम दिया है. अगर बात बनती है तो किसान अपना आंदोलन स्थगित कर देंगे. किसी कारण वार्ता विफल होती है तो किसान एक बार फिर दिल्ली चलो नारा बुलंद करेंगे. वहीं 6 दिसंबर को को और किसान संगठन मार्च निकालने वाले हैं. यह आंदोलन किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम, गैर-राजनीतिक) की ओर से निकाला जाएगा. दोनों किसान संगठन 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.
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