Manipur landslide: मणिपुर भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हुई, बारिश से बचाव अभियान प्रभावित
मणिपुर भूस्खलन में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 38 लोग अब भी लापता हैं. मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में हालात अब भी गंभीर हैं.
मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भूस्खलन में मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 29 हो गई. शनिवार को मलबे से आठ और शव निकाले गये. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार रात हुई भूस्खलन की घटना में 38 लोग अब भी लापता हैं. अधिकारियों ने बताया कि खबरा मौसम के कारण बचाव अभियान प्रभावित हुआ है.
The situation in the landslide affected area of Tupul is still serious. Due to rainfall in the morning, we are expecting the bad weather to persist.
So far, 18 injured person and 25 deceased have been recovered. 38 persons are still missing.@PMOIndia pic.twitter.com/58y06Ui2Ac
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) July 2, 2022
भूस्खलन की घटना में अब भी 38 लोग लापता
अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को मलबे से आठ शव निकाले गए, जिनमें प्रादेशिक सेना के पांच जवान और निर्माण कंपनी का एक कर्मचारी शामिल है. उन्होंने बताया कि दो शवों की शिनाख्त के प्रयास जारी हैं. अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के चार बजे बचाव अभियान शुरू किया गया है. हालांकि, सुबह से ही जारी बारिश के कारण अभियान प्रभावित हुआ. उन्होंने बताया कि दो निर्माण कंपनियों के 14 कर्मचारियों, पांच ग्रामीणों और तीन रेलवे कर्मियों समेत कुल 38 लोग लापता हैं.
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में हालात गंभीर
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने भूस्खलन का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, टुपुल के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में हालात अब भी गंभीर हैं. सुबह बारिश होने के कारण हमें मौसम खराब रहने की आशंका है. अधिकरियों ने बताया कि भूस्खलन के मलबे से इजाई नदी अवरुद्ध हो गयी है, जिससे बांध की तरह पानी भर गया है और आसपास के लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है. मलबे को हटाने और नदी के पानी के प्रवाह के लिए मशीनें लगाई जा रही हैं.
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युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने गुवाहाटी में बताया कि घटनास्थल पर सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल तलाश अभियान जारी रखे हुए हैं. प्रवक्ता ने कहा, वॉल रडार का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है और सहायता के लिए एक खोजी कुत्ते को तैनात किया जा रहा है. प्रवक्ता के मुताबिक, एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित 14 जवानों के शव भारतीय वायुसेना के दो विमानों और सेना के एक हेलीकॉप्टर से उनके गृहनगर भेजे गए हैं.