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फेसबुक यूजर सावधान! डीपफेक का यूज करके बुजुर्ग को बनाया निशाना, करने जा रहे थे खुदकुशी फिर…

पुलिस ने मामले को लेकर जो जानकारी दी है उसके अनुसार, मामले को लेकर तुरंत केस दर्ज किया गया और जांच जारी है. बताया जा रहा है कि गाजियाबाद में बुजुर्ग के साथ ठगी हुई है. रिटायर्ड IPS अधिकारी के नाम से फेक वीडियो बनाकर धमकी देने के बाद पुलिस हरकत में आई.

डीपफेक एक ऐसा शब्द है जो आजकल ज्यादा सुनने को मिलता है. दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का प्रयोग कर किसी की तस्वीर या वीडियो के साथ छेड़छाड़ की जाती है और इसकी कॉपी तैयार करने का काम किया जाता है, जो असली की तरह प्रतीत होता है. यह ठीक उसी तरह बातचीत करती है या उसी तरह की आवाज निकालती है, जैसी संबंधित व्यक्ति की असल में होती है. ऐसा करके ब्लैकमेल करने का धंधा इनदिनों चल रहा है. ताजा मामला गाजियाबाद से सामने आया है जिसे अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित की है. खबरों की मानें तो अपराधियों ने एक वीडियो तैयार किया और 76 वर्षीय बुजुर्ग को निशाना बनाया. पैसे की उगाही करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था.

जो खबर सामने आयी है उसके अनुसार, 76 वर्षीय बुर्जुग इस घटना के बाद पूरी तरह से डर गये. उन्होंने अपराधियों की जो मंशा थी उसे पूरा कर दिया. उनके द्वारा अपराधियों को बार-बार रुपये का पेमेंट किया गया. बताया जा रहा है कि अपराधियों के झांसे में फंसे शख्स को बताया गया कि उनका जो डीपफेक वीडियो है वो रिटायर्ड IPS अधिकारी के हाथ है. इस बात से वे इतना डर गये कि पैसों का भुगतान कर दिया. वे पुलिस कार्रवाई की बात से डर गये थे जिसका फायदा आपराधियों ने उठाया.

क्या कहा पुलिस ने

पुलिस ने मामले को लेकर जो जानकारी दी है उसके अनुसार, मामले को लेकर तुरंत केस दर्ज किया गया और जांच जारी है. यह देश का पहला मामला बताया जा रहा है जिसमें पुलिस देख रही है कि डीपफेक की मदद से साइबर धोखाधड़ी एक घातक दिशा की ओर बढ़ रही है. डीपफेक की बात करें तो इसमें तकनीक की मदद से ऑडियो, वीडियो और तस्वीर को यूज करके डिजिटल छेड़छाड़ किया जाता है जिसक प्रयोग ब्लैकमेल करने के लिए अपराधी करते हैं.

कैसे फंसा शख्स जानें

बताया जा रहा है कि गोविंदपुरम निवासी अरविंद शर्मा, जो एक कंपनी में क्लर्क के रूप में काम करते हैं. वे अकेले रहते थे. उन्होंने कुछ दिन पहले ही स्मार्टफोन खरीदा था और फेसबुक अकाउंट खोला था. 4 नवंबर को जालसाजों ने सबसे पहले फेसबुक वीडियो कॉल के जरिए उनसे संपर्क करने का काम किया. शर्मा ने फोन उठाया लेकिन दूसरी तरफ एक नग्न महिला दिखी जिसके बाद उन्होंने कुछ ही सेकंड में फोन काट दिया. लेकिन इतना ही उनको फंसाने के लिए काफी था. इस घटना के एक घंटे बाद, उन्हें व्हाट्सएप पर एक और वीडियो कॉल आई, लेकिन इस बार, पुलिस की वर्दी में एक आदमी था जो उन्हें धमकी देता दिख रहा था.

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शर्मा की बेटी मोनिका ने पुलिस शिकायत में कहा कि वीडियो में, वर्दी पहने व्यक्ति ने कहा कि यदि मेरे पिता ने पैसे नहीं दिये तो वह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह मेरे पिता का महिलाओं से बात करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे और इसे परिवार के सदस्यों के साथ भी शेयर कर देंगे. बताया जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति ब्लैकमेलर्स के व्हाट्सएप कॉल के बाद चिंतित थे. उन्हें डर था कि यदि वीडियो वायरल हो जाता है तो उन्हें बहुत शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है. डर से उन्होंने जालसाजों के द्वारा दिये गये बैंक खाता नंबर पर 5,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए.

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खुदकुशी का विचार करने लगा था पीड़ित

बेटी मोनिका ने कहा कि जिस कंपनी में वह काम करते हैं, वहां से उन्होंने कर्ज भी लिया. उसने पुलिस को बताया कि आरोपी ने पिछले हफ्ते अधिक पैसे की मांग की, जिससे उसके पिता मानसिक रूप से परेशान हो गये और खुदकुशी का विचार करने लगे. 74,000 रुपये का भुगतान करने वाले शर्मा ने अंततः अपने परिवार को इसकी जानकारी दी. जैसे ही परिवार को इस बात की जानकारी मिली वे Google की मदद से यह जानने का प्रयास करने लगे कि आईपीएस अधिकारी कौन था. उन्हें पता चला कि वीडियो में पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश थे. यह समझ में नहीं आया कि कोई वरिष्ठ अधिकारी क्यों धमकाएगा और उगाही करेगा, उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया.

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