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राजनाथ सिंह के रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा को चिदंबरम ने कहा शब्दजाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध की जो घोषणा की है, वह केवल ‘‘शब्दजाल'' है, क्योंकि उनका एकमात्र आयातक रक्षा मंत्रालय है. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्री ने रविवार सुबह ‘‘धमाका करने'' का वादा किया था, लेकिन उनकी घोषणा उम्मीद के विपरीत रही. उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों का एकमात्र आयातक रक्षा मंत्रालय है. आयात पर कोई भी प्रतिबंध वास्तव में स्वयं पर प्रतिबंध है.

नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध की जो घोषणा की है, वह केवल ‘‘शब्दजाल” है, क्योंकि उनका एकमात्र आयातक रक्षा मंत्रालय है. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्री ने रविवार सुबह ‘‘धमाका करने” का वादा किया था, लेकिन उनकी घोषणा उम्मीद के विपरीत रही. उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों का एकमात्र आयातक रक्षा मंत्रालय है. आयात पर कोई भी प्रतिबंध वास्तव में स्वयं पर प्रतिबंध है.

उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को घोषणा की कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत देश में रक्षा वस्तुओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी। सिंह ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्रालय ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को आगे बढ़ाने के लिए अब बड़े कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में रक्षा संबंधी निर्माण बढ़ाने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर रोक लगाएगी और इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को बड़े अवसर मिलें.

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इससे पहले आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जनाथ सिंह ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत पहल में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहा है. रक्षा उत्पादन के मामले में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और सेना की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के मकसद से रक्षा मंत्रालय 101 से ज्यादा रक्षा वस्तुओं पर एम्बार्गो यानी आयात पर प्रतिबंध लगाएगा.

रक्षा मंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और बताया कि बताया कि इन वस्तुओं की सूची रक्षा मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से कई बार परामर्श करने के बाद तैयार किया है. इसमें सशस्त्र सेनाओं, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग भी शामिल है ताकि वर्तमान और भविष्य में युद्ध उपकरणों को तैयार करने की क्षमता का आकलन किया जा सके.

Posted By: Pawan Singh

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