नयी दिल्ली : लद्दाख में चीन के साथ मौजूदा गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुरक्षा समीक्षा बैठक की. बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुख भी शामिल थे. रक्षा मंत्री ने सुरक्षा समीक्षा बैठक में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई.
इससे पहले चीन के साथ विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन मौजूदा सीमा गतिरोध को द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार शांतिपूर्ण रूप से सुलझाने के लिए सैन्य एवं राजनयिक वार्ताएं जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर दोनों देशों की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के परिणामों की जानकारी साझा करते हुए यह बात कही.
#UPDATE Defence Minister Rajnath Singh today met Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and the Chiefs of three services for a security review meeting, including the situation on the Line of Actual Control with China. https://t.co/qgXZzQRzxU
— ANI (@ANI) June 8, 2020
लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन ने शनिवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सीमा में माल्डो पर बैठक की, जो पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे आरंभ हुई और शाम तक चली. वार्ता की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के कोई ठोस परिणाम नहीं निकले, जिससे पूर्वी लद्दाख में गतिरोध समाप्त हो सके.
विदेश मंत्रालय ने कहा, बैठक सौहार्दपूर्ण तथा सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई और दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि उक्त मुद्दे के जल्द समाधान से दोनों देशों के बीच संबंधों का और अधिक विकास होगा.
मंत्रालय के बयान में कहा गया, दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच बनी सहमति को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर राजी हो गए. नेताओं के बीच सहमति बनी थी कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिनों पहले ही बताया था कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिक ‘अच्छी खासी संख्या में’ आ गए हैं और भारत ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ी जब पांच मई की शाम चीन और भारत के करीब 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई जो अगले दिन भी जारी रही, जिसके बाद दोनों पक्ष अलग हुए. बहरहाल, गतिरोध जारी रहा.
इसी तरह की घटना उत्तरी सिक्किम में नाकू ला दर्रे के पास नौ मई को भी हुई जिसमें भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए. दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था.
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भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है. दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है.
Posted By : arbind kumar mishra