Loading election data...

Defence Ministry: रक्षा मंत्रालय का अहम फैसला, 28,732 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी

Defence Ministry: रक्षा खरीद परिषद की बैठक में सशस्त्र ड्रोन, कार्बाइन और बुलेटप्रूफ जैकेट सहित रक्षा बलों के लिए 28,732 करोड़ रुपये के हथियारों की खरीद को मंजूरी दी गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2022 7:45 PM

Defence Ministry: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में अहम फैसला लिया गया है. बैठक में सशस्त्र ड्रोन, कार्बाइन और बुलेटप्रूफ जैकेट सहित रक्षा बलों के लिए 28,732 करोड़ रुपये के हथियारों की खरीद को मंजूरी दी गई है. रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.

बुलेटप्रूफ जैकेट के प्रस्ताव को इस वजह से मिली मंजूरी

मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में एलओसी पर तैनात भारतीय जवानों के लिए दुश्मन के स्निपर्स के खतरे के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में निकट युद्ध अभियानों के मद्देनजर बुलेटप्रूफ जैकेट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एलएसी (LAC) और पूर्वी सीमाओं पर पारंपरिक और हाइब्रिड युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए इन्हें शामिल करने की मंजूरी दी गई है. सेना के लिए 4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन को स्वीकृति मिली है.


समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए 14 तेज गश्ती जहाजों के अधिग्रहण को मंजूरी

मंत्रालय के मुताबिक, आधुनिक युद्ध में भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए डीएसी द्वारा स्वायत्त निगरानी और सशस्त्र ड्रोन स्वार्म्स की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है. डीएसी ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए 14 तेज गश्ती जहाजों के अधिग्रहण के भारतीय तटरक्षक के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इसके अलावा नौसेना के 1250 किलोवाट क्षमता के समुद्री गैस टर्बाइन जेनरेटर को अपग्रेड करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है.

भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने लिया फैसला

पूर्वी लद्दाख में भारत की चीन के साथ लगी सीमा पर दो साल से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच नए खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि पारंपरिक और हाइब्रिड युद्ध के मौजूदा जटिल प्रतिमान का मुकाबला करने के लिए 4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन खरीदने की स्वीकृति दी गई है. बयान में कहा गया है कि यह कदम भारत में छोटे हथियार निर्माण उद्योग को एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करने और छोटे हथियारों के निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा.

Also Read: 23rd Kargil Vijay Diwas: बीजेपी अध्यक्ष बोले, 2014 तक आधुनिकरण के मामले में 20 साल पीछे थी भारतीय सेना

Next Article

Exit mobile version