Defense: द रनवे टू द बिलियन आपर्टूनिटी थीम के साथ शुरू होगा एयरो इंडिया 2025
एयरो इंडिया का 15वां संस्करण 10 से 14 फरवरी तक कर्नाटक के बेंगलुरु में एयर फोर्स स्टेशन, येलहंका में आयोजित होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 जनवरी को एयरो इंडिया 2025 के लिए राजदूतों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 150 से अधिक मित्र देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है.
Defense: एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र में एयरो इंडिया शो एशिया और दुनिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी में से एक होती है. इस प्रदर्शनी में दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमान अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं. लड़ाकू विमान के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में तेजस लड़ाकू विमान बनाकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार रूस, फ्रांस, अमेरिका जैसे देशों से लड़ाकू विमान खरीदती रही है. इस बार एयरो इंडिया का 15वां संस्करण 10 से 14 फरवरी तक कर्नाटक के बेंगलुरु में एयर फोर्स स्टेशन, येलहंका में आयोजित होगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 जनवरी को एयरो इंडिया 2025 के लिए राजदूतों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 150 से अधिक मित्र देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. बैठक में राजदूतों और उच्चायुक्तों को एयरो इंडिया 2025 के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी जायेगी. कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.
एशिया के सबसे बड़े एयरो शो में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, सीईओ राउंड-टेबल, आईडीईएक्स स्टार्ट-अप समारोह, शानदार हवाई प्रदर्शन, इंडिया पवेलियन से युक्त एक बड़ा प्रदर्शनी क्षेत्र और वैमानिकी कंपनियों का एक व्यापार मेला आयोजित होगा. इस बार शो का विषय ‘द रनवे टू द बिलियन आपर्टूनिटी ‘ है.
स्वदेशी तकनीक का होगा प्रदर्शन
एयरो शो में स्वदेशी तेजस, प्रचंड, एएलएच हेलीकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के अलावा राफेल, सुखोई, मिराज 2000 जैसे विमान अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी रक्षा उपकरणों को प्रदर्शित करने के साथ ही स्टार्टअप द्वारा विकसित की हुई अत्याधुनिक तकनीकों और उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगेगी.
कार्यक्रम के पहले तीन दिन (10, 11 और 12 फरवरी) व्यावसायिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. भारतीय और विदेशी रक्षा कंपनियों के बीच हजारों करोड़ रुपये का करार होने की संभावना है.
गौरतलब है कि पिछली बार के एयर शो में 75000 करोड़ रुपये मूल्य के 201 एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था. यह एयर शो ऐसे समय शो हो रहा जब चीन छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना चुका है. वहीं भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की कमी है. वायु सेना में 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में यह 31 है.
वहीं सरकार की ओर से 114 मल्टी रोल लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर किसी तरह का बयान नहीं दिया गया है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद की प्रक्रिया को आसान बनाने का फैसला लिया है ताकि तय समय पर उपकरणों की खरीद हो सके.