Defense: देश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति, भावी सुरक्षा चुनौती और भविष्य की रणनीति तय करने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारी मंथन करेंगे. इस साल का दूसरा आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जायेगा. पहले चरण का कांफ्रेंस सिक्किम के गंगटोक में दो दिनों तक 10-11 अक्टूबर को होगा, जबकि दूसरे चरण का कांफ्रेंस दिल्ली में 28-29 अक्टूबर को होगा, जिसमें सेना के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे.
गुरुवार से शुरू हो रहे कमांडर्स कांफ्रेंस को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संबोधित करेंगे. रक्षा मंत्री को भावी सुरक्षा चुनौतियों और उससे निपटने के लिए सेना की तैयारियों की जानकारी दी जायेगी. देश कई क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. ऐसे में कांफ्रेंस में सेना के अधिकारी सेना की मौजूदा ऑपरेशनल तैयारी की समीक्षा करेंगे. साथ ही चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर मंथन कर भावी तैयारी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
पहले चरण के कांफ्रेंस में देश की सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं और सामरिक पहलू पर मंथन किया जायेगा ताकि सेना की युद्ध लड़ने की क्षमता को और बेहतर बनाया जा सके. इस दौरान बहु आयामी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति बनाने पर विचार किया जायेगा. साथ ही कम कीमत वाली तकनीक का विकास और तेजी से बदल रहे युद्ध के तरीके से निपटने के लिए वैकल्पिक रणनीति बनाने पर चर्चा होगी. सेना को आधुनिक बनाने के लिए तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने, पेशेवर सैन्य शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल और सेना में तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति करने की संभावना पर भी सेना के कमांडर संवाद करेंगे.
इसके अलावा सेना के संगठन और जमीनी स्तर पर तैनात सैन्य कर्मियों को अधिक सशक्त बनाने के उपायों पर मंथन किया जायेगा. कांफ्रेंस के दूसरे चरण में वैश्विक स्तर पर बदल रहे भू राजनीतिक स्थिति पर सेना के ऑपरेशनल मुद्दे पर चर्चा की जायेगी. इस दौरान सैन्य कर्मियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के लिए कल्याणकारी कदमों और वित्तीय सुरक्षा के मुद्दे पर विचार होगा. इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख डीके त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एपी सिंह मौजूद रहेंगे.