Defense: पिछले कई माह से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बरकरार है. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी सीमा विवाद का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. वहीं मंगलवार को सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ सीमा विवाद स्थिर है, लेकिन इसे सामान्य नहीं कहा जा सकता है. दोनों देशों के बीच हालात अभी भी संवेदनशील बने हुए हैं. सेना के थिंक टैंक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित किए जाने वाले चाणक्य डायलॉग के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सेना प्रमुख ने यह बात कही.
आर्टिफिशियल गांव बसा रहा है चीन
यह कार्यक्रम 24-25 अक्टूबर को आयोजित किया जायेगा. एक सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी कोशिश चीन सीमा पर अप्रैल 2020 वाली स्थिति बहाल करने की है. ताकि सीमा पर सेना की तैनाती, बफर जोन और सैनिकों की पेट्रोलिंग पूर्व की तरह बहाल हो सके. जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्व की तरह स्थिति बहाल नहीं हो जाती है, भारतीय सेना हर हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
सीमा पर चीन द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और गांव विकसित करने के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि चीन सीमा पर व्यापक पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है और सीमा पर आर्टिफिशियल गांव और आर्टिफिशियली लोगों को बसाने का काम कर रहा है. यह सिर्फ दिखाने के लिए किया जा रहा है. क्योंकि सीमा पर कोई चीनी या तिब्बती आबादी नहीं है. साउथ चाइना सी में पहले चीनी मछुआरे को भेजा गया और फिर वहां लोगों के सुरक्षा के नाम पर सेना की तैनाती की गयी. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी चीन यही मॉडल अपना रहा है.
सुरक्षित और समृद्ध भारत पर चाणक्य डायलॉग में होगी चर्चा
इस बार चाणक्य डायलॉग में ‘ड्राइवर्स इन नेशन बिल्डिंग: फ्यूलिंग ग्रोथ थ्रू कांप्रिहेंसिव सिक्योरिटी’ विषय पर मंथन किया जायेगा. मंगलवार को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए सेना प्रमुख ने सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए देश को वर्ष 2047 तक सुरक्षित और समृद्ध बनाने में सेना के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने में सेना का अहम योगदान है. आंतरिक सुरक्षा के साथ भावी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना की तैयारी देश के आर्थिक विकास और इनोवेशन को बढ़ावा देने में अहम रोल अदा करती है. चाणक्य डायलॉग में सेना के अधिकारी सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत मंथन करेंगे और भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक रोडमैप पेश करेंगे.