Defense: सैन्य बलों और उससे संबंधित एजेंसी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, मिलिट्री कम्युनिकेशन, एंटी ड्रोन सिस्टम और अन्य आधुनिक उपकरणों का महत्व काफी बढ़ गया है. सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आई-डेक्स के साथ एसिंग डेवलपमेंट ऑफ इनोवेटिव टेक्नोलॉजी(अदिति 2.0) चैलेंज और डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज(डिस्क 12) लांच किया. डेफ कनेक्ट कार्यक्रम के दौरान लांच अदिति 2.0 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, मिलिट्री कम्युनिकेशन, एंटी ड्रोन सिस्टम और अन्य के क्षेत्र 19 चुनौतियों का चयन किया गया है.
इस योजना के तहत क्रिटिकल टेक्नोलॉजी और डिफेंस इकोसिस्टम को मजबूत करने के क्षेत्र में नया खोज करने वाले आई-डेक्स विजेता को 25 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मिलेगी. वहीं डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज(डिस्क 12) के तहत प्रमुख टेक्नोलॉजी जैसे यूएवी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेटवर्किंग एंड कम्युनिकेशन और अन्य में 41 चुनौतियों की पहचान की गयी है और हर क्षेत्र के विजेता को 1.5 करोड़ की वित्तीय मदद मिलेगी. इसके अलावा सैन्य बलों के लिए मेडिकल टेक्नोलॉजी का विकास और मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए मेडिकल इनोवेशन एंड रिसर्च एडवांसमेंट(मीरा) शुरू किया और 9 चुनौतियों का चयन किया गया है.
रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ाना है मकसद
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डेफ कनेक्ट देश में इनोवेशन को बढ़ावा देने में अहम रोल अदा कर रहा है. देश के युवा सैन्य इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए नयी खोज कर रहे हैं. आई-डेक्स के तहत अब तक 9000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और इससे 450 स्टार्टअप, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग जुड़े हुए है. आई-डेक्स के तहत अब तक 26 उत्पाद का विकास किया गया है और एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के खरीद का आर्डर दिया जा चुका है. साथ ही 37 उत्पाद के लिए रिक्वेस्ट प्रपोजल तैयार किया गया है.
अदिति के जरिये 30 महत्वपूर्ण और सामरिक महत्व के तकनीक का विकास करना है. मंत्रालय की कोशिश देश में इनोवेटर्स, उद्यमी, वैज्ञानिक और स्टार्टअप का एक मजबूत ढांचा तैयार करना है. आज दुनिया भारतीय प्रतिभा का लोहा मान रही है. देश के रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र को भी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पहले सेना के लिए रिसर्च का काम सिर्फ डीआरडीओ ही करती थी. लेकिन अब निजी क्षेत्र भी इनोवेशन का काम कर रहे हैं. इस दौरान सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एपी सिंह अलावा रक्षा सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.