रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को रूस-यूक्रेन संघर्ष से सबक लेने का जिक्र करते हुए सेना से भविष्य के लिए तैयार रहने को कहा. सेना सेवा कोर (एएससी), बेंगलुरु में 75वें भारतीय सेना दिवस कार्यक्रम में उन्होंने सशस्त्र बलों से आह्वान किया कि वे अपनी क्षमताओं को बढ़ाएं और आने वाले दिनों में सभी प्रमुख सशस्त्र बल अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेंगे.
समय के साथ विकसित हो रही हैं सुरक्षा चुनौतियां
राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में समाज, राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियां भी उस बदलाव की गवाह हैं. दिल्ली के बाहर पहली बार आयोजित सेना दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि न केवल समय के साथ सुरक्षा चुनौतियां विकसित हो रही हैं, बल्कि उस बदलाव की गति भी तेजी से बढ़ रही है.
रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना का बढ़ाया हौसला
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज ड्रोन, पानी के भीतर के ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह युग प्रौद्योगिकी प्रधान हो गया है. नवीनतम तकनीकी प्रगति ने इन चुनौतियों को बढ़ा दिया है. लगातार बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने और धैर्य तथा बहादुरी के साथ चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए, रक्षा मंत्री ने उन्हें अपनी क्षमताओं को और विकसित करने और यूक्रेन संघर्ष समेत वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य से सीखे गए सबक को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया. सिंह ने सैन्य बलों की सराहना की और 1962, 1965, 1971, 1999 के युद्धों और गलवान तथा तवांग में हाल की झड़पों के दौरान उनकी बहादुरी को याद किया. उन्होंने कहा कि जवानों के जज्बे और बहादुरी से न केवल दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है, बल्कि सभी भारतीयों के दिलों में विश्वास भी बढ़ा है.
पीएम मोदी के कहने पर रूस ने कुछ घंटों के लिए रोक दिया था युद्ध
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले जब भारत बोलता था तो कोई उसे गंभीरता से नहीं लेता था, लेकिन अब जब हम कहते हैं, दुनिया हमें ध्यान से सुनती है. सिंह ने कहा, इसका एक उदाहरण रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान फंसे भारतीय छात्रों को बाहर निकालने का है. छात्रों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए आवाज उठाई गई. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) जेलेंस्की, रूसी राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बात की तथा युद्ध को कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया, इस दौरान छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.