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भारत की एक इंच भी जमीन दुनिया की कोई ताकत छीन नहीं सकती: राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिहं ने आज एलएसी का दौरा किया. वहां का जायजा लेने के बाद सेना को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है. मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं हमारे जवानों ने शहादत दी है. इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2020 2:10 PM

रक्षामंत्री राजनाथ सिहं ने आज एलएसी का दौरा किया. वहां का जायजा लेने के बाद सेना को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है. मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं हमारे जवानों ने शहादत दी है. इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है.

इससे पहले राजनाथ सिंह सुबह लद्दाख पहुंचे और सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया. लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जाबांज जवानों एवं अधिकारियों के से मुलाकात की और उनसे बातचीत की. उन्होने कहा कि सीमा विवाद पर चीन से जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. पर मामला कहां हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता. लेकिन इतना यक़ीन मैं ज़रूर दिलाना चाहता हूँ कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता.

भारतीय सेना को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है. हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की ज़मीन पर हमने क़ब्ज़ा किया है. भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है. हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं. हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है. भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे.

इसके बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का नेतृत्व सशक्त है. हमें श्री नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है. जो राष्ट्रहित में फैसला लेते हैं. यदि हम आज लद्दाख़ में खड़े हैं तो आज के दिन मैं कारगिल युद्द में भारत की सीमाओं की अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

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