Defense: नये साल के लिए रक्षा मंत्रालय ने तैयार किया रोडमैप

सरकार ने वर्ष 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित किया है. सुधार के तहत देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत कर भावी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना को तैयार करने में मदद के साथ ही थल सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है.

By Anjani Kumar Singh | January 1, 2025 7:49 PM

Defense: नये साल में देश के रक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की संभावना है. सेना का आधुनिकीकरण, सीमा प्रबंधन, सैन्य बलों का पुनर्गठन के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया जायेगा. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा प्रबंधन को बेहतर करने के अलावा नौसेना और वायु सेना की ताकत में इजाफा करने को लेकर अहम फैसला हो सकता है. सरकार ने वर्ष 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय के विभिन्न विभाग के सचिवों के साथ योजनाओं, परियोजनाओं, सुधारों और भविष्य की गतिविधियों में हुई प्रगति की समीक्षा को लेकर कई अहम फैसला लिया. 


सेना की बढ़ेगी ऑपरेशनल क्षमता 

सुधारों का मकसद थल सेना, वायुसेना, नौसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है. इसके लिए थिएटर कमांड का गठन किया जाना है. थिएटर कमांड का गठन काफी समय से लंबित है. इसका मकसद सेना की ऑपरेशनल क्षमता को बेहतर बनाना है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना है. थल सेना, वायुसेना और नौसेना इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं और पूरी संभावना है कि वर्ष 2025 में इसका गठन हो जाए. रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इससे संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल में मदद मिलेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सुधार देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत कर भावी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना को तैयार करने में मदद करेंगे. 


रक्षा खरीद में आयेगी तेजी


इस साल कई अहम रक्षा सौदे को मंजूरी मिल सकती है. इसके साथ ही वायुसेना में तेजस एमके 1 ए लड़ाकू विमान शामिल हो सकता है. यह विमान अत्याधुनिक एवियोनिक्स और अन्य लड़ाकू क्षमताओं से लैस है. वहीं प्रोजेक्ट 75 के तहत नौसेना को आईएनएस वागशीर मिल सकता है. इससे भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी. इसके अलावा आईएमएस तामल और दो परमाणु पनडुब्बी नौसेना में शामिल होगी. आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में स्वदेशी लड़ाकू विमान, सबमरीन और मिसाइल का विकास किया जा रहा है. पाकिस्तान और चीन के खतरे से निपटने के लिए सेना दो मोर्चे पर अपनी पकड़ मजबूत बना रही है. इस साल रक्षा मंत्रालय साइबर, स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक और रोबोटिक्स जैसी तकनीक को विशेष प्राथमिकता देगा. रक्षा मंत्रालय सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार करने के लिए इन तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है. 

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