Defense: आधुनिक हथियार की टेक्नोलॉजी के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू किया और अब देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. तकनीक के इस दौर में युद्ध का तरीका तेजी से बदल रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना बहुत आवश्यक हो गया है. गुरुवार को आईआईटी दिल्ली में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही.
क्वांटम कम्प्यूटिंग जैसी तकनीकों पर नियंत्रण जरूरी
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बदलते समय के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उच्च-स्तरीय तकनीकों पर नियंत्रण हासिल करना चाहिए. इसका मकसद आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देना है ताकि भारत अग्रणी देश की भूमिका निभा सके. मौजूदा समय में देश एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है. पहले भारत आयात किए जाने वाले हथियारों पर निर्भर था, लेकिन आज हथियारों का निर्यात हो रहा है. इस क्रांतिकारी परिवर्तन का श्रेय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के शिक्षाविदों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों का जाता है. उम्मीद है कि आने वाले समय में भारत हथियार तकनीक के मामले में काफी आगे होगा.
विशिष्ट तकनीक से आयेगा व्यापक बदलाव
रक्षा मंत्री ने कहा कि कई विशिष्ट तकनीक के कारण आने वाले समय में हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की संभावना है. अभी ऐसी तकनीक के मामले में भारत शुरुआती चरण में हैं और हमारा मकसद इन तकनीक पर नियंत्रण हासिल करने का होना चाहिए. ताकि भविष्य में इसका प्रयोग जनकल्याण के लिए किया जा सके. रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए आईडीईएक्स और प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) जैसी योजना शुरू की गयी है. भारत इस समय सबसे युवा देश है और युवाओं में नया करने का जुनून और क्षमता है. सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है.
सरकार युवाओं के इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फंड मुहैया कराती है. सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि मौजूदा समय में देश स्टार्टअप का केंद्र बन गया है. इस मौके पर रक्षा मंत्री ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. प्रदर्शनी में रक्षा-उद्योग-अकादमिक सहयोग से विकसित तकनीक और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है. इस कार्यक्रम में डीआरडीओ के प्रमुख डॉक्टर समीर कामत, आईएनएई के अध्यक्ष प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी, लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.