Defense:लॉजिस्टिक प्रबंधन को लेकर सैन्य कर्मियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देगा गति शक्ति विश्वविद्यालय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में वडोदरा स्थित गतिशक्ति विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते से दोनों सेना को लॉजिस्टिक्स के संबंध में विशेषज्ञता मुहैया कराने में मदद मिलेगी.

By Anjani Kumar Singh | September 9, 2024 5:02 PM
an image

Defense:भारतीय सेना और वायुसेना के कर्मी लॉजिस्टिक संचालन में कौशल विकास और क्षमता निर्माण को बेहतर करने की ट्रेनिंग लेंगे. इस काम में भारतीय रेलवे मदद करेगा. इस बाबत सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में वडोदरा स्थित गतिशक्ति विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते से दोनों सेना को लॉजिस्टिक्स के संबंध में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद मिलेगी. इससे लॉजिस्टिक्स संचालन के विभिन्न पहलुओं में इन-हाउस विशेषज्ञता का विकास सुनिश्चित होगा. इस समझौते से पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022 को प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी. सेना में लॉजिस्टिक का काफी महत्व है, ऐसे में कर्मियों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण से लॉजिस्टिक का प्रभावी तरीके से प्रबंधन करने में मदद मिलेगी. 


लॉजिस्टिक सैन्य बलों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला


इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य बलों की लॉजिस्टिक्स रीढ़ है और इसे मजबूत करने के लिए यह समझौता किया गया है. लॉजिस्टिक्स अब केवल सशस्त्र बलों का एक सहायक कार्य नहीं है, बल्कि यह सैन्य अभियानों और राष्ट्रीय सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभर रहा है. एक सक्षम लॉजिस्टिक्स प्रणाली सुरक्षा बलों को तेजी से एकत्र करने और कम समय में संसाधनों को सही जगह पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जिन परिस्थितियों में हमारी सेनाएं काम करती हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए सैनिकों, उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति काफी मायने रखती है. गति शक्ति विश्वविद्यालय इस काम में सेना की मदद करेगा. वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गति शक्ति विश्वविद्यालय अत्याधुनिक लॉजिस्टिक संबंधी शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में काम करेगा. इस दौरान सीडीएस, वायुसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा रक्षा मंत्रालय और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

Exit mobile version