Delhi Assembly Election 2025: ‘आपको अस्थायी सीएम कहना अपमान’ CM आतिशी को LG ने लिखा पत्र, कहा- “आहत हुआ हूं’
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की सीएम आतिशी को लिखे पत्र में एलजी वीके सक्सेना ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से सीएम आतिशी को अस्थायी मुख्यमंत्री कहने पर आपत्ति जताई है. साथ ही कहा है कि उनके इस संबोधन से मैं आहत हुआ हूं.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के एक शब्द पर आपत्ति जताई है. एलजी ने लिखा है कि बीते दिनों पूर्व सीएम केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली की अस्थाई मुख्यमंत्री कहा है इस पर उन्हें आपत्ति है. एलजी विनय सक्सेना ने लिखा है कि “मुझे यह बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ. यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपके द्वारा नियुक्त भारत के राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरे लिए भी अपमान था. एक उपराज्यपाल के रूप में मैं चिंतित हूं सार्वजनिक चर्चा के इस स्तर के बारे में और साथ ही मैं अपनी सरकार के पूर्णकालिक मुख्यमंत्री को अस्थायी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की बातचीत से आहत हूं.”
मुख्यमंत्री के पद की गरिमा धूमिल
अपने पत्र में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सबसे पहले सीएम आतिशी को आगामी नववर्ष के लिए शुभकामनाएं दी. साथ ही उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. इसी कड़ी में उन्होंने पत्र में लिखा कि एक मीडिया के सामने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने आपको अस्थायी मुख्यमंत्री कहा है. यह मुझे काफी अपत्तिजनक और आहत करने वाला लगा. उन्होंने यह भी लिखा है कि वरिष्ठ नागरिकों एवं मुख्यमंत्री के नाम पर ही महिलाओं से संबंधित योजना की हवाई घोषणाएं की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इससे मुख्यमंत्री के पद की गरिमा धूमिल हुई है.
दिल्ली के एलजी ने अपने पत्र में लिखा कि ‘यह सर्वविदित है कि आपको किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया. पिछले दस सालों में यमुना की बदतर हालत हो या पीने के पानी की भयंकर कमी, कचरे के पहाड़ों का मुद्दा हो या औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा हो या चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था, अनाधिकृत कॉलोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव हो या झुग्गी बस्तियों में नारकीय जीवन, एक मुख्यमंत्री द्वारा, जिसको अस्थाई और काम चलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है यह सभी जानते हैं. इन क्षेत्रों में अपनी विफलताओं को आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है, परंतु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी.’