दिल्ली की नई शराब पॉलिसी के खिलाफ भाजपा ने खोला मोर्चा, उपराज्यपाल से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराएंगे आदेश गुप्ता

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया है कि दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी जाएगी. उसी के साथ ही उन्होंने शराब की सभी सरकारी दुकानों को बंद करने की घोषणा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2021 11:04 AM

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से पेश की गई नई शराब नीति के खिलाफ भाजपा की प्रदेश इकाई ने मोर्चा खोल दिया है. सरकार की इस नई नीति के खिलाफ प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया है कि दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी जाएगी. उसी के साथ ही उन्होंने शराब की सभी सरकारी दुकानों को बंद करने की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह कदम टैक्स की चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है. पार्टी का कहना है कि दिल्ली में शराब माफिया को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है.

वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी दल भाजपा ने पुरजोर विरोध करते हुए मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि वह मंगलवार को उपराज्यपाल के साथ बैठक कर इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार के इस फैसले को लागू नहीं होने देगी.

आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार की नई शराब पॉलिसी को देखकर ऐसा लग रहा है कि दिल्ली के चप्पे-चप्पे पर शराब के ठेके खोलने की जल्दबाजी है. उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात यह भी है कि शराब से आमदनी बढ़ाने की बात की गई है. 5000 करोड़ रुपये से 8000 करोड़ रुपये तक राजस्व बढ़ाने की बात की गई है. यह देखकर दुख होता है कि दिल्ली की एक सरकार ऐसा कदम उठा रही है, जो प्रदेश के युवाओं को शराब की ओर धकेल रही है.

भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि क्या सरकार को यह पता नहीं कि शराब पीने से और अपराध बढ़ते हैं. घर परिवार तबाह होते हैं, एक मां की गोद सूनी होती है, एक बहन का सुहाग उजड़ता है और जो अपराध बढ़ते हैं यह कोई नई बात नही है. क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली को शराब की राजधानी बनाना चाहते हैं? क्या इसी दिन के लिए दिल्ली की जनता ने उनको चुना था. क्या इसी दिन के लिए वो उपराज्यपाल से ज्यादा अधिकार की मांग कर रहे हैं ताकी वह मनमानी कर सकें.

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Posted by : Vishwat Sen

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