जम्मू: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली धमाके के दो आरोपी जम्मू कश्मीर में ड्रग्स तस्करी में शामिल रहे हैं. बीते दिनों पुलिस ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास अरनिया सेक्टर से हेरोइन, अफीम और हथियार बरामद किए थे. मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में अतंर्राष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया. आगे की कार्रवाई जारी है.
इतनी अधिक मात्रा में ड्रग्स की खेप बरामद
अरनिया सेक्टर में बुधवार को बीएसएफ की पोस्ट के पास से 61 किलो हेरोइन, एक किलो अफीम, दो पिस्टल, तीन मैगजीन और 100 कारतूस बरामद किए गए थे. ड्रग्स और हथियारों की बरामदगी होने के बाद पुलिस के पास कोई पुख्ता सुराग नहीं था. पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया.
जांच के दौरान जब ड्रग्स तस्करी से जुड़े पुराने नाम खंगाले गए तो कड़ियां जुड़ती चली गईं. इसके बाद एक-एक कर रैकेट के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें से दो लोग 2005 में हुए दिल्ली बम धमाकों में आरोपी थे.
पुरानी कड़ियों को जोड़ने से हुआ खुलासा
पुराना रिकॉर्ड खंगालने पर बिशनदास और अजीत कुमार के नाम सामने आए. ये दोनों ड्रग्स तस्करी में पहले भी लिप्त रहे हैं. दोनों दिल्ली बम धमाकों में भी आरोपी बनाए गए थे. अजीत का भाई सरफू जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स मामलों में वांछित है जो भारत से बाहर कहीं छिपा है. इसी कड़ी ने मामले जांच को दिशा दी. अरनिया सेक्टर में ही 11 किलो हेरोइन तस्करी की विफल कोशिश के पीछे भी अजीत ही मुख्य आरोपी था.
दुबई तक फैला जाल, तीन ग्रुप करते थे काम
तस्करों का रैकेट भारत, पाकिस्तान और दुबई तक फैला हुआ है. आईजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा रैकेट तीन समूहों में काम करता रहा है. एक ग्रुप सीमा पर बताई गई लोकेशन से खेप लेकर जम्मू पहुंचाने का काम करता, दूसरा जम्मू से पंजाब पहुंचाता और तीसरा इसे देश भर में सप्लाई करता.
ड्रग्स तस्करों के रैकेट का आतंकी कनेक्शन खंगाला जा रहा है. आरोपियों की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालिया कार्रवाई को आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
Posted By- Suraj Thakur