Delhi Bus Marshal Row: दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली को लेकर शनिवार को दिल्ली सचिवालय में जबरदस्त हंगामा हुआ. भाजपा विधायकों ने मार्शलों की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा और शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने मिलने का वक्त दे दिया. भाजपा विधायक जब मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे तो वहां आप विधायक और बस मार्शलों को भी बुला लिया गया. इसपर भाजपा विधायकों ने नाराजगी जतायी और बैठक से जाने लगे. इस पर बस मार्शलों ने भाजपा विधायकों से हाथ जोड़कर नहीं जाने की अपील करने लगे. काफी मान-मनौव्वल के बाद भाजपा विधायक बैठे. इसके बाद तत्काल कैबिनेट की बैठक कर कैबिनेट नोट तैयार किया और भाजपा विधायकों को इसे देने के लिए उपराज्यपाल के आवास जाने को कहा गया.
भाजपा विधायक इसके लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद वहां जमकर ड्रामा हुआ. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज भाजपा विधायक के पैर पकड़ लिए. आप ने एक्स पर फोटो जारी करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया और लिखा कि बस मार्शलों की बहाली के लिए शनिवार को विधायकों के सामने कैबिनेट नोट पास करने के बाद उस नोट को लेकर उपराज्यपाल के पास मुख्यमंत्री आतिशी, मंत्री और विधायक गए. भाजपा विधायकों ने भागने का पूरा प्रयास किया लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज और आप नेताओं ने उन्हें भागने नहीं दिया. मुख्यमंत्री आतिशी खुद भाजपा विधायक की गाड़ी में बैठकर उपराज्यपाल आवास गयी. ताकि भाजपा विधायकों को भागने का कोई भी मौका ना मिले. इसके बाद उपराज्यपाल आवास के बाहर भी जमकर ड्रामा किया गया. आप विधायक सड़कों पर लेट गए.
बस मार्शलों की बहाली को लेकर भाजपा और आप में तनातनी
अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों में 10 हजार से अधिक बस मार्शल की नियुक्ति सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के तौर पर की थी. पिछले साल इन सभी बस मार्शल को नागरिक सुरक्षा निदेशालय की आपत्ति जताने पर हटा दिया गया. अगले साल फरवरी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले बस मार्शल की नियुक्ति का मामला उठाया जा रहा है. भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बस मार्शलों काे हटाने का फैसला लिया और अब उन्हें गुमराह कर उपराज्यपाल पर दोष मढ़ा जा रहा है.
इसे लेकर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के मंत्री और विधायकों ने बस मार्शलों के साथ उपराज्यपाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. इसके बाद भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा गया और एक बार फिर हंगामे की स्थिति बनी. भाजपा का कहना है कि दिल्ली की जनता को अब आप नाटक कर गुमराह नहीं कर पाएंगे. बस मार्शल को हटाने का फैसला दिल्ली सरकार का था और अब नियुक्ति के लिए आप नेता सड़क पर नौटंकी कर रहे हैं.