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आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला पर आरोप तय, सजा पर बहस 26 मई को

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने 26 मार्च 2010 को ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी. मामला वर्ष 1993 से वर्ष 2006 के बीच अर्जित की गयी आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2022 5:14 PM

नयी दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा (Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) पर आरोप तय हो गया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उन्हें दोषी करार दे दिया है. 26 मई को सजा के बिंदुओं पर बहस होगी. 19 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला से जुड़े इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

26 मार्च 2010 को सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने 26 मार्च 2010 को ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी. मामला वर्ष 1993 से वर्ष 2006 के बीच अर्जित की गयी आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है. उन पर आरोप है कि 13 साल के दौरान उन्होंने 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति अनैतिक तरीके से जुटायी थी. इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दे दिया है.

ईडी ने जब्त की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति

बता दें कि वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थी. उन्होंने अनैतिक रूप से जो संपत्तियां बनायीं, वे देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा के पंचकूला और सिरसा में हैं. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंडरिंग के तहत दर्ज एक मुकदमे की कार्रवाई के दौरान की थी.

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जेबीटी भर्ती घोटाला मामले में हुई थी 10 साल की सजा

उल्लेखनीय है कि ओम प्रकाश चौटाला को जनवरी, 2013 में जेबीटी घोटाला में दोषी करार दिया गया था. इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो को प्रीवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट में 7 साल और जेबीटी भर्ती घोटाला में 10 साल की सजा हुई थी. जेबीटी भर्ती घोटाला मामले में पिछले साल उनकी सजा पूरी हो गयी थी. ऐसे में उन्हें 2 जुलाई 2021 को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

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