चीन सहित 5 देशों के जमातियों को कोर्ट से मिली जमानत, कोरोना फैलाने का लगा था आरोप

Delhi Court grants bail , Brazilian, Australia, Fiji, China and Philippines nationals , Tablighi Jamaat at Nizamuddin Markaz : दिल्ली की एक अदालत ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने के मामले में ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, चीन और फिलीपींस के नागरिकों को बुधवार को जमानत दे दी. कोर्ट ने 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी. मालूम हो मंगलवार को मलेशिया के 122 नागरिकों को कोर्ट ने जमानत दी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2020 3:49 PM
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नयी दिल्‍ली : दिल्ली की एक अदालत ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने के मामले में ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, चीन और फिलीपींस के नागरिकों को बुधवार को जमानत दे दी. कोर्ट ने 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी. मालूम हो मंगलवार को मलेशिया के 122 नागरिकों को कोर्ट ने जमानत दी थी.

इन लोगों पर वीजा शर्तों का उल्लंघन करने के अलावा अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने और देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी किये गये सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप है.

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर विदेशियों को जमानत दी. इन लोगों ने याचिका के शीघ्र निपटारे के लिए आठ जुलाई के लिए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक के समक्ष सूचीबद्ध होने वाली याचिका के लिए भी आवेदन दायर किए.

सुनवाई के दौरान ये सभी विदेशी नागरिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुए. उनकी पहचान मलेशियाई उच्चायोग के संबंधित अधिकारी के साथ-साथ जांच अधिकारी द्वारा की गई.

मालूम हो मलेशियाई नागरिकों और जमात में शामिल लोगों पर देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में कोरोना संक्रमण फैलाने का गंभीर आरोप लगा है. जिसके कारण केंद्र सरकार ने 2,765 विदेशी नागरिकों के वीजा निरस्त कर दिये और उन्‍हें कालीसूची में भी डाल दिया.

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केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में भी कहा कि विदेशी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने या रद्द वीजा को जारी रखने का कोई मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं है. केंद्र ने 2,765 विदेशी नागरिकों के वीजा निरस्त करने और उन्हें तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के चलते प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की.

केंद्र ने कहा कि दुनियाभर में वीजा जारी करना पूरी तरह सरकारों का संप्रभु कार्य है और वीजा नहीं दिये जाने, खारिज किये जाने या निरस्त किये जाने से संबंधित मामलों को चुनौती नहीं दी जा सकती. भारत में यात्रा करने से दस साल के लिए प्रतिबंधित किये गये 34 अन्य देशों के नागरिकों की याचिकाओं पर हलफनामा दाखिल किया गया.

इन विदेशी नागरिकों के वीजा भी निरस्त कर दिये गये. केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि मामला दर मामला आधार पर अलग-अलग आदेश जारी किये गये. गृह मंत्रालय के हलफनामे के अनुसार, पहली बात तो सक्षम प्राधिकारों ने वीजा निरस्त करने, लोगों को प्रतिबंधित करने तथा इस बारे में उठाये गये अन्य कदमों के संबंध में अलग-अलग आदेश जारी किये.

मंत्रालय ने कहा कि विदेशी तबलीगी जमात सदस्यों के कुल 2,765 मामलों में से 2,679 के वीजा (जिनमें नौ ओसीआई कार्ड धारक हैं) पहले ही निरस्त किये जा चुके हैं. इसमें कहा गया, ‘47 विदेशी तबलीगी जमात सदस्य नेपाली नागरिक हैं, जिनके पास कोई वीजा नहीं है.

बाकी 39 मामलों में वीजा को निरस्त करने पर विचार चल रहा है. इन 39 मामलों में 18 वीजा भारतीय मिशनों ने जारी किये थे और 21 मामलों में पासपोर्ट संख्या संबंधी गलत या अधूरी जानकारी दी गयी जो मांगी गयी है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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