नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आसाराम बापू की दोषसिद्धि पर लिखी किताब ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन: द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम्स कनविक्शन’ के प्रकाशन पर लगी अंतरिम रोक हटा दी. एक नाबालिग के यौन शोषण से जुड़े 2013 के मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि निचली अदालत का एक पक्षीय फैसला और किताब के विमोचन की पूर्व संध्या पर उसे जारी करने पर लगायी गयी रोक दरकिनार की जाती है. उच्च न्यायालय ने प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स की याचिका पर यह आदेश दिया जिसने किताब के प्रकाशन पर लगी अंतरिम रोक हटाने का अनुरोध किया था. निचली अदालत ने मामले में आसाराम के साथ दोषी ठहरायी गयी एक अन्य महिला की याचिका पर किताब के प्रकाशन पर रोक लगाई थी.
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स की उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था , जिसमें आसाराम बापू पर आधारित एक पुस्तक के प्रकाशन पर लगी अंतरिम रोक को हटाने का अनुरोध किया गया था. आज इस पर फैसला आ गया.
‘गनिंग फॉर द गॉडमैन : प्रकाश की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ” यह बेहद गंभीर है. सभी किताबें पहले ही वितरकों को पहुंचायी जा चुकी हैं. पिछले कुछ वर्षों में यह चलन बन गया है कि वे किताब के जारी होने की पूर्व संध्या पर अदालत जाते हैं और एक पक्षीय रोक हासिल कर लेते हैं.” सिब्बल ने दलील दी थी कि किताब मुकदमे के रिकॉर्ड पर आधारित थी.
वहीं महिला की वकील ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि यदि इसके प्रकाशन की अनुमति दी गई तो उनके मुवक्किल के लिए अपूरणीय क्षति साबित होगी. इस किताब के लेखक जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय लांबा और संजीव माथुर हैं और इसको पांच सितंबर को जारी होना था.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak