Delhi Election 2025: सबसे मुश्किल मुकाबले में फंसी आम आदमी पार्टी
भाजपा बड़ी रैलियों के साथ ही जमीनी स्तर पर काम कर रही है. हर विधानसभा सीट पर भाजपा और संघ के कार्यकर्ता छोटी-छोटी सभा का आयोजन कर लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा भाजपा का प्रमुख फोकस बूथ प्रबंधन पर है. पहली बार आम आदमी पार्टी भाजपा द्वारा तय एजेंडे के जाल में फंसती दिख रही है.
Delhi Election 2025: दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में अब प्रचार के लिए सिर्फ कुछ दिन बचे हैं. सभी दल चुनाव के आखिरी चरण में पूरी ताकत झोंक चुके है. भाजपा ने चुनाव के आखिरी चरण में एनडीए के सभी सांसदों को दिल्ली चुनाव में उतार दिया है. इसके अलावा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी ताकत से प्रचार कर रहा है. इस बार भाजपा बड़ी रैलियों के साथ ही जमीनी स्तर काम कर रही है. हर विधानसभा सीट पर भाजपा और संघ के कार्यकर्ता छोटी-छोटी सभा का आयोजन कर लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा भाजपा का प्रमुख फोकस बूथ प्रबंधन पर है. वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से भी जबरदस्त प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन पिछले दो चुनाव की तरह आप के प्रचार अभियान में उत्साह की कमी देखी जा रही है. ऐसा लगता है कि आप का चुनाव अभियान पटरी से उतर गया है.
आप से इस्तीफा देने वाले 8 विधायक शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए. आप विधायकों के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने को लेकर भाजपा यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि इस बार आम आदमी पार्टी चुनाव हार रही है. इसलिए आप के नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. वहीं एक दशक बाद कांग्रेस भी दिल्ली में खुद को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश में जुटी है. पहली बार कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व खुलकर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक प्रचार कर रहा है. भले ही मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच होने की संभावना है, लेकिन कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई है. कांग्रेस की आक्रामकता आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गयी है.
आप के समर्थक वोटरों को साधने में जुटी भाजपा
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी भाजपा की ओर से 6 महीने पहले ही शुरू कर दी थी. पार्टी की ओर से झुग्गी वासियों को साधने के लिए एक विशेष अभियान चलाया और पार्टी के नेता झुग्गी में रात्रि विश्राम कर उनकी समस्याओं को समझने का काम किया. केंद्रीय गृह मंत्री ने झुग्गी वासियों के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित किया और उनकी हर समस्या को दूर करने का वादा किया. पार्टी की ओर इन बस्तियों में गंदे पानी की आपूर्ति, रोजगार की कमी को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश की. साथ ही प्रधानमंत्री ने कई झुग्गी वासियों को फ्लैट की चाबी सौंपकर यह संदेश देने का काम किया कि जहां झुग्गी, वहां मकान का वादा भाजपा ही पूरा कर सकती है.
इस योजना का भाजपा झुग्गी बस्ती के इलाकों में व्यापक पैमाने पर प्रचार किया और यह बताने का प्रयास किया कि दिल्ली सरकार झुग्गी वासियों के हित में कोई काम नहीं किया है. सिर्फ मुफ्त बिजली और पानी का वादा लोगों के जीवन-स्तर में बदलाव नहीं ला सकता है. पार्टी की यह पहल सफल भी होती दिख रही है. पहली बार है कि दिल्ली चुनाव में भाजपा एजेंडा सेट कर रही है और आम आदमी पार्टी को उसका जवाब देना पड़ रहा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि आप नेताओं के अनर्गल बयान से साफ जाहिर होता है कि इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी मुश्किल में है. यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल कभी यमुना में जहर मिलाने की बात करते हैं तो कभी चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं.