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Delhi Election 2025: कालकाजी का किला बचाने के लिए आतिशी को करनी पड़ सकती है मशक्कत

उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद हुए मंत्रिमंडल बदलाव में आतिशी को कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली और केजरीवाल के इस्तीफे के बाद वे सुषमा स्वराज के बाद दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी.

Delhi Election 2025: पिछले चुनाव में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी, शिक्षा, स्वास्थ्य व मुफ्त की योजनाओं के सहारे आसानी से चुनाव जीतने में कामयाब हो गयी. उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद हुए मंत्रिमंडल बदलाव में आतिशी को कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली और केजरीवाल के इस्तीफे के बाद वे सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी. एक बार फिर आतिशी को पार्टी ने कालकाजी सीट से उम्मीदवार बनाया है.

वहीं भाजपा ने दो बार के पूर्व सांसद और तीन बार के पूर्व विधायक रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस ने महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अलका लांबा को चुनावी मैदान में उतारा है. रमेश बिधूड़ी अपने आक्रामक स्वभाव और विवादित बयान के लिए जाने जाते हैं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा भी मुखर मानी जाती हैं. बिधूड़ी और लांबा इलाके में जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. आतिशी मौजूदा समय में भले मुख्यमंत्री हैं, लेकिन पार्टी ने चुनाव में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है.

ऐसे में भाजपा और कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर आतिशी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को महिला सम्मान के साथ जोड़ रहे हैं. आतिशी का मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित करना कालकाजी में आम आदमी पार्टी को सियासी नुकसान पहुंचा सकता है. 

मूलभूत सुविधाओं की कमी बन रही है मुद्दा

इस विधानसभा क्षेत्र में महारानी बाग, कालकाजी, ईस्ट ऑफ कैलाश, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, सुखदेव विहार,नेहरू प्लेस जैसी पॉश कॉलोनियां के अलावा अस्थायी बस्तियां भी है. इस क्षेत्र को पंजाबी-सिख बहुल माना जाता है. इसके अलावा अस्थायी बस्तियों में मतदाता की संख्या भी काफी है. इलाके में पीने की पानी की समस्या है. साथ ही टूटी सड़कें, साफ-सफाई, ट्रैफिक जाम की समस्या है. इलाके के लोगों में इन मुद्दों को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है. पिछले दो चुनाव से भले ही आप उम्मीदवार को जीत मिलती रही है, लेकिन इस बार  मतदाताओं को सरकार से कई शिकायतें हैं. साथ ही आतिशी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं बनाये जाने को लेकर भी मतदाताओं में आम आदमी पार्टी को लेकर उदासीनता दिख रही है. वहीं कई मतदाता शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होने की बात कर आप को मौका देने की बात करते हैं. 

आतिशी से ज्यादा केजरीवाल है निशाने पर भाजपा और कांग्रेस इलाके में मूलभूत सुविधाओं की कमी को बड़ा मुद्दा बनाकर सघन जनसंपर्क अभियान चलाकर दिल्ली सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे है. इस क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा आतिशी पर जोरदार राजनीतिक हमला के बजाये अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं. केजरीवाल को सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं. क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा एक तरह के आरोप आप पर लगाते हैं. कई बार मतदाता भी कंफ्यूज हो जाते हैं कि  कांग्रेस की प्रचार गाड़ी जा रही है या भाजपा की.

यानी दोनों गाड़ी से जो प्रचार किया जा रहा है, उसमें लगभग एक तरह के हमले आम आदमी पार्टी पर किये जा रहे हैं. भाजपा यह मान कर चल रही है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस मजबूत होगी, वहां पर आप कमजोर होगी और इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा. वहीं आम आदमी पार्टी जनहित में उठाए गए कदमों के नाम पर लोगों से वोट मांग रही है. कालकाजी में इस बार का चुनाव बेहद रोचक होने की संभावना है. 

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