Delhi Election 2025: भाजपा दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के खिलाफ भ्रष्टाचार और शीश महल के मुद्दे पर आक्रामक प्रचार अभियान चलाएगी. शनिवार को भाजपा ने भ्रष्टाचार के मामले पर ‘शीशमहल’ पर एक गीत और पोस्टर जारी किया. पोस्टर में लिखा है कि ‘दिल्ली की जनता ने ठाना है, शीश महल वाले आप-दा-ए-आजम को हटाना है’. इस मौके पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ‘शीशमहल आपदा फैलाने वालों का अड्डा’ गीत और ‘आपदा-ए-आजम’ शीर्षक वाला पोस्टर जारी किया गया है.
सचदेवा ने कहा कि यह गीत केजरीवाल के भ्रष्टाचार से तैयार शीश महल की कहानी सामने लाने का काम करेगा. केजरीवाल ने राजनीति में बदलाव और दिल्ली की सूरत बदलने का वादा कर सत्ता में आए लेकिन सत्ता में आते ही उनका चरित्र और व्यवहार दोनों बदल गया. कोई केजरीवाल से दिल्ली के विकास पर सवाल पूछता है तो वे कहते हैं उन्हें गाली दी जा रही है. इस दौरान सांसद मनोज तिवारी ने कैंपेन सांग ‘दंगों का दाग अब नहीं, यमुना में झाग अब नहीं… नल से पानी साफ चाहिए, कूड़े का पहाड़ अब नहीं, झूठे वादों को अब तगड़ी फटकार चाहिए. परिवर्तन हमको दिल्ली में इस बार चाहिए, मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने ठान लिया है कि अब भ्रष्ट सरकार नहीं चाहिए. इस बार दिल्ली में बदलाव होना तय है.
भ्रष्टाचार पर आक्रामक रहेगी भाजपा
केजरीवाल और दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा शुरू से ही आक्रामक है. पार्टी का मानना है कि आबकारी नीति मामले में आप के शीर्ष नेताओं के जेल जाने और शीश महल पर हुए खर्च को लेकर केजरीवाल की छवि को नुकसान हुआ है. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बावजूद पार्टी दिल्ली की सभी सात सीट जीतने में कामयाब रही. आबकारी नीति में घोटाला और शीश महल को लेकर आम आदमी पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ता है. भाजपा आप की इस कमजोरी का चुनाव में पूरा फायदा उठाना चाहती है. इस कड़ी में शीश महल को लेकर गीत और पोस्टर जारी किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक शीश महल को लेकर केजरीवाल की आलोचना कर चुके हैं. पार्टी की कोशिश चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाए रखने का है. इसलिए पार्टी शीश महल का मॉडल हर विधानसभा क्षेत्र में लोगों को दिखाकर केजरीवाल की असलियत जनता के सामने लाना चाहती है. पार्टी का मानना है कि इस मुद्दे पर अधिक चर्चा होने से केजरीवाल के मुफ्त वादों पर अधिक बहस नहीं होगी और इससे आम आदमी पार्टी को चुनाव में नुकसान होना तय है.