Delhi Election 2025: इंफ्रास्ट्रक्चर की बजाय शीश महल बनाने पर दिया ध्यान

केजरीवाल पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 45 करोड़ रुपये खर्च कर 50 हजार गज बने शीश महल को लेकर दिल्ली की जनता जवाब मांग रही है. दिल्ली सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने की बजाय शीश महल बनाने का काम किया. जबकि केंद्र सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किया.

By Vinay Tiwari | January 4, 2025 6:43 PM
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Delhi Election 2025: दिल्ली में चुनाव से पहले केंद्र सरकार की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लगभग 4500 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास कर चुके है. शनिवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नयी दिल्ली नगर पालिका (एनडीएमसी) द्वारा निर्मित नए वर्किंग विमेंस हॉस्टल ब्लाक ‘सुषमा भवन’ और मोती बाग में पशु चिकित्सालय का उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि सुषमा जी के नाम से बने इस नए वर्किंग विमेंस हॉस्टल भवन में रहने वाली बहनों का नाम एक ऐसी नेत्री से जुड़ रहा है, जो भारत में महिला सशक्तिकरण, जागरूकता व संघर्ष के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रही हैं. देश के लोकतांत्रिक इतिहास सुषमा जी को एक संघर्ष करने वाली विपक्ष की नेता के रूप में हमेशा याद रखेगा.

सुषमा जी ने पिछली सरकार के 12 लाख करोड़ के घपलों-घोटालों और भ्रष्टाचार को संसद में एक्सपोज करने का काम किया था. लोकतंत्र में विपक्ष के नेता के पद के महत्व के उदाहरण के रूप में सुषमा जी को हमेशा याद किया जाएगा. विपक्ष के नेताओं को सुषमा जी की कार्यशैली से सीखना चाहिए. केजरीवाल पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 45 करोड़ रुपये खर्च कर 50 हजार गज बने शीश महल को लेकर दिल्ली की जनता जवाब मांग रही है. दिल्ली सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने की बजाय शीश महल बनाने का काम किया.  


दिल्ली के विकास में केंद्र का अहम योगदान


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में दिल्ली के विकास के लिए 68 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम किया गया है. दिल्ली में सड़कों के लिए 41 हजार करोड़ रुपये, रेलवे के लिए 15 हजार करोड़ रुपये, हवाईअड्डे और उसके आसपास की सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का काम किया गया है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए और अब सिर्फ 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से मुंबई की 24 घंटों की यात्रा को 12 घंटे में पूरा करने के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर बनाया जा रहा है.

7500 करोड़ रुपये की लागत से द्वारका एक्सप्रेसवे, 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे, 7715 करोड़ रुपये की लागत से अर्बन एक्सटेंशन रोड, 920 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर और 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस रेल गलियारा बनाया गया है.

इसके अलावा भारत मंडपम में 7000 सीट का कन्वेंशन सेंटर और 3000 सीटों वाला एंफीथियेटर, 5400 करोड़ रुपये की लागत से यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, 250 करोड़ रुपये की लागत से द्वारका गोल्फ कोर्स, 92 करोड़ रुपये की लागत से द्वारका स्पोर्ट्स कंपलेक्स बनाया गया है. पीएम-उदय योजना के तहत 1731 कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर 40 लाख गरीबों को मालिकाना हक देने की योजना के साथ ही झुग्गीवासियों को फ्लैट देने की योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत 29 हजार मकान और लगभग 354 करोड़ से 3000 गरीबों के लिए फ्लैट्स बनाए गए.

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