Delhi Election 2025: कैग रिपोर्ट बन रही है आप के लिए मुश्किल का सबब

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कैग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पेश नहीं करने के दिल्ली सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाकर पार्टी के लिए परेशानी बढ़ा दी है. हाई कोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरीके से रिपोर्ट पेश करने में दिल्ली सरकार ने देरी की है, उससे उसकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है.

By Vinay Tiwari | January 13, 2025 5:37 PM
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Delhi Election 2025: दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कैग रिपोर्ट को लेकर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है. हाल में शीश महल और आबकारी नीति को लेकर लीक कैग रिपोर्ट के कारण आम आदमी पार्टी को किरकिरी का सामना करना पड़ा है. लीक रिपोर्ट को लेकर भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल पर हमलावर हैं. वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि लीक कैग रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है और चुनाव के बीच पार्टी को बदनाम करने के लिए फर्जी रिपोर्ट का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कैग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पेश नहीं करने के दिल्ली सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाकर पार्टी के लिए परेशानी बढ़ा दी है.

हाई कोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरीके से रिपोर्ट पेश करने में दिल्ली सरकार ने देरी की है, उससे उसकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है. अदालत ने कहा कि कैग रिपोर्ट को दिल्ली सरकार को तत्काल विधानसभा अध्यक्ष  के पास भेजकर चर्चा शुरू करनी थी. न्यायाधीश सचिन दत्ता की एकल पीठ ने कैग रिपोर्ट के निपटने के दिल्ली सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की. अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर कैग रिपोर्ट पर चर्चा से बचने के लिए विशेष सत्र का आयोजन नहीं किया. दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि चुनाव नजदीक होने के कारण सत्र के आयोजन नहीं किया गया. 


हाई कोर्ट की टिप्पणी से बढ़ेगा सियासी बवाल

दिल्ली हाई कोर्ट में सरकार की ओर से कहा गया कि 14 कैग रिपोर्ट लंबित है. कांग्रेस और भाजपा लंबे समय से कैग रिपोर्ट विधानसभा के सत्र में पेश करने की मांग करती रही. मांग को स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा विधायकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कैग रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. भाजपा विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की है. सूत्रों का कहना है कि कैग रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के वित्तीय स्थिति से लेकर कई विभागों के कामकाज को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की गयी है.

ऐसे में पहले से भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रही दिल्ली सरकार चुनाव से पहले प्रतिकूल कैग रिपोर्ट पेश कर अपनी छवि खराब नहीं करना चाहती थी. इसलिए दिल्ली सरकार ने कैग रिपोर्ट पेश नहीं करने के लिए हर दांव को आजमाया. उपराज्यपाल के बार-बार कैग रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर पेश करने के लिए पत्र लिखने के बावजूद इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया. जानकारों का कहना है कि कैग रिपोर्ट में दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली परिवहन निगम, स्कूली शिक्षा, बिजली सब्सिडी जैसे मसलों पर दिल्ली सरकार के दावे के उलट हालात को बताया गया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने सियासी नुकसान से बचने के लिए इन रिपोर्टों को पेश नहीं किया.

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