Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच होने की संभावना है. लेकिन कांग्रेस दिल्ली में अपना पुराना जनाधार हासिल करने के लिए पूरी सक्रियता से चुनाव मैदान में उतरी है. कांग्रेस ने इस बार दिल्ली चुनाव में मजबूत, अनुभवी और युवा चेहरों पर दांव लगाया है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ कांग्रेस की ओर से मजबूत प्रत्याशी उतारा गया है. यही नहीं कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के मुफ्त के वादों के काट के लिए कई गारंटी की घोषणा की है. इसमें महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये, दिल्ली के लोगों को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने और बेरोजगार युवाओं को प्रति माह 8500 रुपये देने का वादा किया है.
अभी कांग्रेस दो और गारंटी की घोषणा करने वाली है, जिसमें अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्थान के लिए अहम घोषणा होने की संभावना है. कांग्रेस की कोशिश इन गारंटियों के जरिये अपने कोर वोटर को फिर अपने पाले में लाने की है. इसके लिए कांग्रेस की ओर से दिल्ली में कई जगह पोस्टर लगाए गए हैं. सोमवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की जीवन रक्षा योजना समृद्ध दिल्ली के लिए बेहद जरूरी है. रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मिलेगी स्वास्थ्य सुरक्षा, होगी हर जरूरत पूरी, खुशहाल दिल्ली के लिए, कांग्रेस है जरूरी. जीवन रक्षा योजना: 25 लाख रुपए का मुफ्त इलाज.
गारंटियों के जरिये कोर वोटर को साधने में जुटी कांग्रेस
दिल्ली में कांग्रेस के कमजोर होने का सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को मिला है. केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं से कांग्रेस के कोर वोटर आम आदमी पार्टी में शिफ्ट हो गए. अब कांग्रेस अपने पुराने वोट बैंक को हासिल करने के लिए गारंटियों की घोषणा कर रही है. कांग्रेस को कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में ऐसी गारंटियों की घोषणा का चुनावी लाभ मिला है. ऐसे में पार्टी दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के मुफ्त वादों की काट के लिए गारंटी की घोषणा कर रही है. देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. दिल्ली में बेरोजगारों को साधने के लिए कांग्रेस ने उड़ान योजना की घोषणा की है. जयराम रमेश ने कहा कि देश के भविष्य युवाओं के लिए कांग्रेस की युवा उड़ान योजना, युवाओं को एक साल की अप्रेंटिसशिप, हर महीने मिलेंगे 8,500 रुपए, होगी हर जरूरत पूरी, कांग्रेस है जरूरी.
गौरतलब है कि कांग्रेस का पिछले दो विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव पूरी मजबूती से लड़ रही है. कांग्रेस की कोशिश है कि दिल्ली में भले ही उसकी सरकार नहीं बन पाए, लेकिन वह एक मजबूत विपक्ष की भूमिका में आ सके. यही नहीं कांग्रेस इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को भी यह संदेश देना चाहती है कि बिना कांग्रेस के सहयोग से दलों को चुनाव में जीत नहीं मिल सकती है. कांग्रेस दिल्ली में बेहतर प्रदर्शन कर पंजाब में खुद को अगली बार सत्ता के मजबूत दावेदार के तौर पर स्थापित करना चाहती है.