Delhi Election 2025: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी हुई. सभी दलों ने एक-दूसरे पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. लेकिन प्रचार के आखिरी चरण में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाया था. केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर आयोग की विश्वसनीयता खत्म करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया. केजरीवाल के आरोप पर मंगलवार को आयोग आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को बदनाम करने के लिए बार-बार जानबूझकर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है.
लेकिन आयोग ऐसे आरोप से प्रभावित नहीं होने वाला है. चुनाव आयोग ने एक्स पर लिखा है कि तीन सदस्यीय आयोग ने सामूहिक रूप से दिल्ली चुनावों में मुख्य चुनाव आयुक्त को बदनाम करने के लिए बार-बार जानबूझकर दबाव बनाने की रणनीति पर ध्यान दिया, जैसे कि यह एक एकल सदस्यीय निकाय है और संवैधानिक संयम बरतने का फैसला किया, इस तरह के आरोपों को समझदारी, धैर्यपूर्वक प्रभावित नहीं होने का फैसला किया है.
आखिर चुनाव आयोग पर क्यों हमलावर है केजरीवाल
दिल्ली में इस बार के विधानसभा चुनाव में नजदीकी मुकाबला होने की संभावना है. पिछले दो चुनाव से एकतरफा जीत रही आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव सबसे कठिन दिख रहा है. पहली बार कांग्रेस भी मजबूती से चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस की सक्रियता भी केजरीवाल को परेशान कर रही है. ऐसे में केजरीवाल आयोग पर आरोप लगाकर दबाव बनाते की रणनीति अपना रहे हैं. केजरीवाल का मानना है कि मतदान के पहले आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाकर मतदान के दौरान लोगों का प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटका सकते हैं. साथ ही आयोग पर दबाव बनाने से चुनाव के दौरान पार्टी की शिकायतों पर आयोग सक्रियता से काम करेगा. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि केजरीवाल मुसीबत में फंसने पर हर संस्था को निशाना बनाते हैं. चाहे उपराज्यपाल हो या केंद्र सरकार केजरीवाल सभी के खिलाफ आरोप लगाते रहते हैं.
भाजपा और कांग्रेस का कहना है कि हार की हताशा में केजरीवाल अनाप-शनाप बयान देकर हार के बहाने बना रहे हैं. गौरतलब है कि सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग का अस्तित्व ही नहीं है. लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भाजपा की ओर से पद का ऑफर दिया गया है. यही कारण है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है.