Delhi Election 2025: आप की मांग, चुनाव आयोग अपलोड करे फार्म 17-सी
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद चुनाव आयोग ने फार्म 17-सी और हर विधानसभा में मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का नंबर अपलोड नहीं किया है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने एक वेबसाइट (transparentelections.in) बनाया है, जिस पर हर विधानसभा के सभी फार्म 17-सी अपलोड कर दिया गया है.
Delhi Election 2025: दिल्ली में मतगणना से पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद चुनाव आयोग ने फार्म 17-सी और हर विधानसभा में मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का नंबर अपलोड नहीं किया है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने एक वेबसाइट (transparentelections.in) बनाया है, जिस पर हर विधानसभा के सभी फार्म 17-सी अपलोड कर दिया गया है. इस फार्म में हर मतदान केंद्र पर डाले गए वोट का पूरा ब्यौरा दिया गया है. मतगणना के दिन आम आदमी पार्टी इस वेबसाइट पर सभी विधानसभा और हर मतदान केंद्र का डेटा जारी करेगी ताकि आम लोगों को सही जानकारी मिल सके.
चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह काम चुनाव आयोग को करना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ऐसा करने से मना कर रहा है. केजरीवाल के आरोप को खारिज करते हुए दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि मतदान के बाद सभी पार्टियों के पोलिंग एजेंट को फार्म 17-सी दिया जा चुका है. आयोग ने दिल्ली के सभी मतदान केंद्रों पर तय नियमों का सख्ती से पालन किया है और किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है.
क्या होता है फार्म 17-सी
मतदान केंद्र पर पड़ने वाले मतों का व्यापक ब्यौरा फार्म 17-सी में होता है. इस फार्म में मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या, कुल पड़े वोट और वोट नहीं देने वाले की आंकड़ा होता है. बैलेट पेपर, ईवीएम और पेपर सील संबंधी जानकारी भी होती है. 17-सी में उम्मीदवारों का नाम और उनके द्वारा प्राप्त मतों का आंकड़ा भी होता है. इससे उम्मीदवारों के एजेंट काे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि मतदान केंद्र पर डाले गए वोट कुल वोट के बराबर है या नहीं.गौरतलब है कि कई राजनीतिक दलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव आयोग से फार्म 17-सी वेबसाइट पर डालने की मांग की गयी है.
याचिका में कहा गया है कि चुनाव के बाद आयोग मतदान के आंकड़े जारी करता है, उसमें काफी अंतर देखा गया है. इस फार्म को वेबसाइट पर डालने से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी. वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि वेबसाइट पर हर मतदान केंद्र के मतदान का आंकड़ा सार्वजनिक करने से चुनाव मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा होगी और इसके दुरुपयोग की संभावना है.