Delhi Election 2025: दिल्ली में पिछले तीन चुनावों से आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. 2012 में बनी पार्टी आख़िर इतनी जल्दी कैसे देश की राष्ट्रीय पार्टी बन गई. कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच कई रोचक कहानियां भी हैं.आज आपको आम आदमी पार्टी बनने बनने के पीछे की पूरी कहानी बतायेंगे.
अन्ना आंदोलन से बनी आम आदमी पार्टी
कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ देश में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन बहुत तेज हो चुका था और इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल. लोकपाल बिल को लेकर दिल्ली से शुरू हुआ आंदोलन अब देश के कोने कोने में फैलने लगा लेकिन आंदोलन के खत्म होते ही अरविंद केजरीवाल ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया. साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और उस दल के संयोजक बने अरविंद केजरीवाल. इस राजनीतिक दल को बनाने में तब के आप आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण जैसे बड़े नेता शामिल थे. हालाकि बाद में इन सब ने पार्टी का दामन अलग अलग वजहों से छोड़ दिया.
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2013 से बढ़ता गया पार्टी का राजनीतिक कद(Delhi Election 2025)
साल 2013 के दिल्ली विधानसभा का नतीजा आया और किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला. लेकिन सबसे रोचक तस्वीर तब सामने आई जब कांग्रेस के ख़िलाफ़ बना दल कांग्रेस पार्टी के बाहरी समर्थन से दिल्ली में पहली बार सत्ता में आई. पहले चुनाव में ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए लेकिन ये सरकार ज़्यादा दिनों तक नहीं चल सकी. फिर साल 2015 में चुनाव हुआ और इस बार नतीजा चौकाने वाला आया. पार्टी को सभी 70 सीटों में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला और बीजेपी महज़ तीन सीटों पर ही सिमट गई. फिर कुछ ऐसा ही नतीजा अगले चुनाव में भी दिखा और अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जानता ने तीसरे बार मुख्यमंत्री बना दिया. इसके बाद पार्टी का विस्तार धीरे धीरे अन्य राज्यों में भी हुआ फिर सबसे बड़ी कामयाबी पंजाब चुनाव में मिला और पार्टी अपने दम पर पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब हुई.
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