Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुकाबला मतदान से पहले दिलचस्प होता जा रहा है. भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच एक-एक सीट को लेकर लड़ाई हो रही है. इस बार का चुनाव किसी पार्टी के लिए एकतरफा नहीं दिख रहा है. ऐसे में चुनाव परिणाम का आकलन मुश्किल हो गया है. भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है.
भाजपा और कांग्रेस की आप के प्रमुख नेताओं के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारने की रणनीति का असर दिख रहा है. यही कारण है कि नयी दिल्ली सीट से आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्यमंत्री आतिशी, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मंत्री सौरव भारद्वाज और इमरान हुसैन अपनी सीट जीतने के लिए मशक्कत करते दिख रहे हैं.
पिछले दो चुनाव से आम आदमी पार्टी को एकतरफा जीत मिलती रही है. लेकिन इस बार 10 साल के सरकार के खिलाफ नाराजगी को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने आप के प्रमुख उम्मीदवारों के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारने का फैसला किया. यही नहीं इस बार कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ विधानसभा का चुनाव लड़ रही है और यह आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी पैदा कर रहा है.
केजरीवाल और प्रमुख सहयोगी कड़े मुकाबले में फंसे
वर्ष 2013 में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाकर सुर्खियों में आए अरविंद केजरीवाल ने पहली बार तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को चुनाव में हराकर सनसनी फैला दी थी. इस चुनाव के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी का ग्राफ तेजी से बढ़ता गया और दो बार पार्टी को चुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई. लेकिन इस बार हालात बदले हुए है. केजरीवाल की ईमानदार छवि को शराब घोटाले के कारण नुकसान हुआ है और दिल्ली सरकार जनता से किए गए कई वादों को पूरा करने में असफल रही. प्रदूषण, सड़कों की खराब स्थिति, गंदगी और पानी की समस्या केजरीवाल के लिए मुसीबत बन गयी है.
हालांकि कई मुफ्त के वादों की घोषणा कर केजरीवाल ने लोगों की नाराजगी को कम करने की कोशिश की है. लेकिन भाजपा और कांग्रेस लोगों की नाराजगी को भांपते हुए आप के प्रमुख नेताओं को उनके क्षेत्र में ही घेरने की रणनीति अपनायी और विपक्षी दलों की यह रणनीति सफल होती दिख रही है.
अरविंद केजरीवाल ने अपने सबसे मजबूत सिपहसालार मनीष सिसोदिया को इस बार पटपड़गंज की बजाय जंगपुरा सीट से उम्मीदवार बनाया. जबकि कांग्रेस ने फरहाद सूरी और भाजपा ने पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह को टिकट दिया. सूरी और मारवाह की इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में सिसोदिया के लिए जीत की राह आसान नहीं है. यही कारण है कि केजरीवाल ने क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए सरकार बनने पर सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया.
पूर्व मुख्यमंत्री का क्षेत्र नयी दिल्ली में मुकाबला कड़ा है. केजरीवाल के साथ ही नयी दिल्ली के सभी घरों और बस्तियों का चक्कर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके बेटे पुलकित केजरीवाल लगा रहे हैं. सुनीता केजरीवाल जहां पार्कों में लोगों से मिल रही है, वहीं पुलकित घर-घर जाकर लोगों से अपने पिता के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं. गुरुवार को कई इलाकों का दौरा करने के बाद पुलकित ने लोगों से कहा कि वह सोच-समझकर वोट करें. पढ़े-लिखे लोगों को वोट दें, जिससे इस क्षेत्र का भला हो सके.
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