Delhi Election 2025: दिल्ली में यमुना के पानी को लेकर राजनीति जारी है. भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच यमुना के मुद्दे को लेकर चल रही तकरार चुनाव आयोग के पास पहुंच चुका है. भाजपा और कांग्रेस का आरोप है कि यमुना की सफाई करने में आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह विफल रही है. वहीं आम आदमी पार्टी इसके लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यमुना में प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को यमुना में जहर मिलाने वाली अपनी टिप्पणी के लिए हरियाणा और दिल्ली के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.
नड्डा ने ‘एक्स’ पर ‘इंफोइनडेटा’ साझा करते हुए यह बताया कि दिल्ली में आते ही यमुना का प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है. यमुना की सफाई के लिए दिल्ली सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यमुना में प्रदूषण को लेकर ‘आप-दा’ के आरोप-प्रत्यारोप उसकी कमियां उजागर करती है. दिल्ली सरकार ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए यमुना को लेकर लोगों में डर फैलाने का काम शुरू किया. केजरीवाल सरकार ने पिछले 10 साल के शासनकाल में भ्रष्टाचार, झूठ और खोखले वादों के अलावा कुछ नहीं किया है.
यमुना के मुद्दे पर घिर गए केजरीवाल
केजरीवाल द्वारा यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के आरोप से आम आदमी पार्टी को ही नुकसान होने की संभावना है. यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के आरोप के बाद एक बार फिर दिल्ली चुनाव में यमुना की सफाई की मुद्दा प्रमुखता से सामने आ गया है. कांग्रेस और भाजपा यमुना के प्रदूषण को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही थी और हरियाणा से आने वाले यमुना पानी में जहर होने का मुद्दा उठाकर दिल्ली में पानी के मामले को प्रमुख मुद्दा बना दिया है. दिल्ली में स्वच्छ पेयजल एक बड़ी समस्या है और इस मोर्चे पर दिल्ली सरकार विफल रही है. दिल्ली के अधिकांश इलाकों में पानी की समस्या है. ऐसे में केजरीवाल के 24 घंटे पानी मुहैया कराने का दावा भी कमजोर हो जाता है.
यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस यमुना की सफाई के मुद्दे को लेकर आप सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 8500 करोड़ रुपये दिए जाने के बावजूद आप सरकार यमुना की सफाई नहीं कर सकी. जानकारों का कहना है कि केजरीवाल ने यमुना में जहर होने की बात को तूल देकर विपक्ष को मौका मुहैया कराने का काम किया है और चुनाव में आप को इस मुद्दे पर सियासी नुकसान होना तय है.