Delhi Election: मुफ्त के वादों के जरिये सत्ता विरोधी लहर को कम करने की कोशिश में AAP
Delhi Election: आम आदमी पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों को कुंद करने के लिए एक बार फिर मुफ्त के वादों को प्रमुख हथियार बनाया है. ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए आप ने विशेष रणनीति तैयार की है.
Delhi Election: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन सभी दल चुनावी तैयारी में जुट गए हैं. आम आदमी पार्टी की ओर से सभी 70 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जा चुकी है. कांग्रेस ने भी पहली सूची जारी कर दी है. वहीं पिछले तीन दशक से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा की ओर से अभी तक उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गयी है. तीसरी बार दिल्ली की सत्ता पर वापसी के लिए आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस पर बढ़त बना ली है.
Delhi Election: AAP के लिए आसान नहीं होगा विधानसभा चुनाव 2025
इस बार का चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए भी आसान नहीं है. आप सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है. ऐसे में पार्टी ने प्रत्याशी चयन में काफी सावधानी बरती है. कई विधायकों का टिकट काट दिया गया है. भाजपा और कांग्रेस से आए प्रभावशाली नेताओं को टिकट दिया गया है. आम आदमी पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप हैं. ऐसे में पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों को कुंद करने के लिए एक बार फिर मुफ्त के वादों को प्रमुख हथियार बनाया है. ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए आप ने विशेष रणनीति तैयार की है.
AAP ने 20 मौजूदा विधायकों को काटा टिकट
सत्ता विरोधी लहर को कमजोर करने के लिए आप ने 20 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया और नये चेहरों को मौका दिया. पार्टी का मानना है कि इससे विधायकों के खिलाफ गुस्से का नुकसान पार्टी को नहीं उठाना पड़ेगा. यही नहीं आम आदमी पार्टी एक बार फिर यह चुनाव केजरीवाल बनाम अन्य करने पर फोकस कर रही है. मौजूदा समय में भाजपा में केजरीवाल के कद का कोई नेता नहीं है.
मुफ्त योजनाओं के जरिये मतदाताओं को साधने की कोशिश
दिल्ली में आम आदमी पार्टी दो चुनाव मुफ्त के वादे पर जीतने में कामयाब रही है. पिछले चुनाव से पहले महिलाओं के लिए दिल्ली परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर की योजना काफी कारगर रही थी. इस योजना के कारण बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं ने आप को समर्थन दिया था. इस चुनाव से पहले केजरीवाल ने महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने की घोषणा की है और साथ ही चुनाव जीतने के बाद इसे 2100 रुपये प्रति महीने करने का वादा किया है. महाराष्ट्र और झारखंड में महिला से जुड़ी योजना का फायदा सत्ताधारी दलों का मिला है. केजरीवाल का मानना है कि इस योजना के कारण दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय है. केजरीवाल हर रैली में लोगों को यह बताना नहीं भूलते हैं कि अगर भाजपा सरकार बनी तो पहले से चली आ रही मुफ्त योजनाओं को बंद कर दिया जायेगा.
दिल्ली में दो दर्जन से अधिक सीटों पर महिला वोटरों का दबदबा
दिल्ली में दो दर्जन से अधिक सीटों पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के मतदान का प्रतिशत अधिक रहता है. ऐसे में केजरीवाल मुफ्त के वादों के जरिए सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. देखने वाली बात है कि चुनाव में यह रणनीति कितनी कारगर होती है.