Delhi Election: दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव लेकर भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है. दिल्ली की सत्ता से लगभग तीन दशक से दूर भाजपा ने इस बार चुनाव जीतने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है. पार्टी ने चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए भाजपा और संघ ने मिलकर योजना तैयार की है. इस योजना के तहत चुनाव में युवा और महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के साथ बूथ को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस कड़ी में पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सांसद बैजयंत जय पांडा को चुनाव प्रभारी और अतुल गर्ग को सह प्रभारी नियुक्त किया है.
दिल्ली में भाजपा अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है. जबकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है. पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी एक बार फिर केजरीवाल के चेहरे और दिल्ली में किए गए काम की बदौलत सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है. लेकिन आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर आतिशी को दिल्ली की कमान सौंपी है. आम आदमी पार्टी का मानना है कि अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे से सहानुभूति का फायदा पार्टी को चुनाव में मिल सकता है.
कौन है बैजयंत जय पांडा
मौजूदा समय में भाजपा के उपाध्यक्ष पांडा ओडिशा के कटक के रहने वाले हैं. वे वर्ष 2000 और वर्ष 2006 में बीजू जनता दल से दो बार राज्यसभा सांसद और वर्ष 2009 और वर्ष 2014 में ओडिशा के केंद्रपाड़ा से बीजद के टिकट पर लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. लेकिन पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक से विवाद के कारण उन्होंने बीजू जनता दल छोड़कर वर्ष 2019 में भाजपा में शामिल हो गये. मौजूदा समय में वे केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद है. पांडा ने अमेरिका के मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से संचार में इंजीनियरिंग और प्रबंधन की पढ़ाई की है. सौम्य स्वभाव के पांडा को संगठन के काम में निपुण माना जाता है.
वे लाइमलाइट से दूर रहकर जमीनी स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में पांडा को दिल्ली की जिम्मेदारी देकर भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि संगठन को मजबूत कर दिल्ली में चुनाव लड़ेगी. दिल्ली में पिछले तीन लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भी विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है. पार्टी को उम्मीद है कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को लेकर पहले की तरह लोगों में आकर्षण नहीं है. ऐसे में अगर बेहतर रणनीति के साथ चुनाव लड़ा जाए तो दिल्ली की सत्ता पर पार्टी काबिज हो सकती है.