Delhi Election Result: आप की हार से इंडिया गठबंधन में बढ़ सकता है विवाद
हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की ओर से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश की गयी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस की बजाय आप के पक्ष में प्रचार किया.आखिरकार कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी और दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बाहर हो गयी.
Delhi Election Result: लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया और कांग्रेस अकेले 99 सीट जीतने में कामयाब रही. लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में आत्मविश्वास से लबरेज कांग्रेस को जीत की पूरी उम्मीद थी. हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कोशिश हुई, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण गठबंधन नहीं हो सका. हरियाणा में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने कांग्रेस पर मनमाना तरीका अपनाने का आरोप लगाया और इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठने लगे.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर की, जिसका सपा, राजद, आम आदमी पार्टी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी ने समर्थन किया. ऐसा माना गया कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा गया ताकि महाराष्ट्र के चुनाव में कांग्रेस पर दबाव बनाया जा सके. महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, शरद पवार और उद्धव गुट ने मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर तीनों दलों में अंतिम समय तक विवाद की स्थिति बनी रही. इंडिया गठबंधन को महाराष्ट्र में जीत की उम्मीद थी, लेकिन उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. हालांकि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब रही.
लेकिन झारखंड में जीत का श्रेय झामुमो की रणनीति को दिया गया. विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की ओर से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश की गयी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस की बजाय आम आदमी के पक्ष में प्रचार किया. आखिरकार कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी और दिल्ली की सत्ता से आम आदमी पार्टी बाहर हो गयी.
आप की हार से इंडिया गठबंधन में कांग्रेस हो सकती है मजबूत
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार से इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सकती है. इंडिया गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दल सपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद जैसे दल नहीं चाहते हैं कि राज्यों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो. बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस के मजबूत होने का नुकसान क्षेत्रीय दलों को उठाना पड़ सकता है. क्योंकि कांग्रेस के कोर वोटर बेस को ही हासिल कर क्षेत्रीय दल मजबूत हुए हैं. इसी आशंका को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ दिल्ली में गठबंधन नहीं करने का फैसला किया और इसका खामियाजा आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ा है. जानकारों का कहना है कि अगर दोनों दल मिलकर दिल्ली में चुनाव लड़ते तो परिणाम अलग हो सकता था. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार से क्षेत्रीय दलों को बड़ा झटका लगा है.
अब कांग्रेस यह बताने की कोशिश करेगी कि बिना उसके सहयोग से राज्यों में क्षेत्रीय दल चुनाव नहीं जीत सकते हैं. भले ही कांग्रेस अकेले चुनाव लड़कर सत्ता पर काबिज नहीं हो सकती है, लेकिन वह क्षेत्रीय दलों का समीकरण जरूर खराब कर सकती है. दिल्ली के चुनाव परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को लेकर उठ रहे सवाल कमजोर हो सकते हैं. या फिर क्षेत्रीय दल मिलकर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश में जुट सकते हैं और यह आरोप लगा सकते हैं कि कांग्रेस के कारण दिल्ली में भाजपा सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई. क्षेत्रीय दल पहले से कहते आ रहे हैं कि जो दल जहां मजबूत है, उसे मौका दिया जाना चाहिए. हालांकि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा की मजबूती से एक बार फिर इंडिया गठबंधन के घटक दलों में एकजुटता बढ़ने की संभावना अधिक है.