केंद्र ने 1 जुलाई से ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक’ (Single Use Plastic) के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले साल एक अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध की घोषणा की थी, और अब उन वस्तुओं की एक सूची को परिभाषित किया है, जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है. मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, “पॉलीस्टाइरीन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित निम्नलिखित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित होगा.”
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने से पहले मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को हरित विकल्पों (Green Options) को अपनाने के लिए तैयार करने और लोगों को विकल्प मुहैया कराने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों को जबरन लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लागू करने से पहले राज्य के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक तक नहीं की.
गोपाल राय ने पीटीआई-भाषा के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ”मुझे लगता है कि इसकी (प्रतिबंध की घोषणा में) पूरी तैयारी नहीं की गई. हितधारकों को विकल्पों के बारे में बताया जाना चाहिए था और उन्हें इसके विकल्पों को अपनाने में मदद के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराए जाने वाले सहयोग के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए थी. मुझे लगता है कि प्रतिबंध की घोषणा करने से पहले इस मामलों को निपटाया जाना चाहिए था.
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर अधिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है, जिसके कारण ये उत्पाद लोगों के लिए व्यवहारिक नहीं रहते. गोपाल राय ने कहा, ”प्रतिबंध लगाने से पहले हरित विकल्पों और उनके कच्चे माल पर जीएसटी में कटौती की जानी चाहिए थी. केंद्र सरकार को उचित तंत्र बनाना चाहिए था. प्रतिबंध जबरन लागू नहीं किए जा सकते. (भाषा इनपुट के साथ)