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Delhi Excise Policy: क्या अरविंद केजरीवाल आएंगे जेल से बाहर? जमानत याचिका का सीबीआई ने किया विरोध

Delhi excise policy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केजरीवाल की ओर से दलील देते हुए वकील सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो बार रिहा किया. एक बार मई में चुनाव प्रचार करने के लिए और दूसरी बार उन्हें आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी.

Delhi excise policy: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल मौजूदा सीएम हैं. वे समाज के लिए खतरा नहीं हैं. उनको केवल जेल में रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की ओर से दलील देते हुए कहा कि शुरुआती एफआइआर में उनका नाम नहीं है. सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया, जबकि पिछले दो सालों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी.सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो बार रिहा किया. एक बार मई में चुनाव प्रचार करने के लिए और दूसरी बार उन्हें आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी.

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट में

1. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं हैं केवल बयान है.

2. सीबीआई की प्राथमिकी में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं था.

3. PMLA के तहत दोहरी शर्तों का प्रावधान है. इन सख्त नियमों के बाद भी हमारे पक्ष मे दो फैसले हुए हैं. सीबीआई ने केजरीवाल को दो साल बाद गिरफ्तार किया है.

4. सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को करीब दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया, ईडी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत मिलने के बाद ‘इंश्योरेंस अरेस्ट’ की गई.

5. गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को कोई नोटिस नहीं दिया, अधीनस्थ कोर्ट ने गिरफ्तारी का एकपक्षीय आदेश पारित किया.

6. मामले में मनीष सिसोदिया और के. कविता समेत हर संभावित सह-आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है.

केजरीवाल की याचिका का सीबीआई ने किया विरोध

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका का सीबीआई की ओर से विरोध किया और कहा कि उन्हें जमानत के लिए अधीनस्थ कोर्ट जाना चाहिए.

कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है. शीर्ष कोर्ट ने 23 अगस्त को सीबीआई को मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने की अनुमति दी थी और अरविंद केजरीवाल को प्रत्युत्तर के लिए दो दिन का समय दिया था. केजरीवाल की ओर से जमानत से इनकार किए जाने के खिलाफ और मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं हैं. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के पांच अगस्त के आदेश को चुनौती दी है.

सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को बताया है मुख्य साजिशकर्ता

सीबीआई ने 30 जुलाई को अपना चौथा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी सरथ रेड्डी को मामले में आरोपी बनाया गया. सीबीआई ने केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक बताया. कथित तौर पर वह साउथ ग्रुप के संपर्क में थे, जिसमें के. कविता, राघव मगुंटा, अरुण पिल्लई, बुचीबाबू गोरंटला, पी सरथ रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली और बेनॉय बाबू शामिल थे.

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अरविंद केजरीवाल को कब किया गया गिरफ्तार?

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी के बाद 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. शीर्ष कोर्ट ने 14 अगस्त को मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर एजेंसी से जवाब मांगा.

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