Delhi Excise Policy Case: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी 'घोटाले' से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया.
Delhi Excise Policy Case: विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने याचिका पर आरोपी और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा. अदालत ने बुधवार को इस मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को, उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर कल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया. इस दौरान विशेष जज न्याय बिंदु ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि तीन जुलाई तक बढ़ा दी.
केजरीवाल ने 100करोड़ रुपये रिश्वत मांगी, ईडी ने जमानत अर्जी का किया विरोध
दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. ईडी ने अदालत से कहा कि इस मामले में बतौर आरोपी नामजद आम आदमी पार्टी (आप) कोई अपराध करती है तो इस पार्टी के प्रभारी को दोषी माना जाएगा. ईडी ने विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु से कहा, केजरीवाल ने रिश्वत मांगी. उन्होंने 100 करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की. केजरीवाल ने आप के लिए चंदा मांगा. केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी. आप यह नहीं कह सकते हैं कि वह अपराध के दोषी नहीं हैं. यदि आप कोई अपराध करती है तो उसके प्रभारी व्यक्ति को ही दोषी माना जाएगा. उसने कहा, अब आप को आरोपी बनाया गया है. केजरीवाल (पार्टी के) आचरण के लिए जिम्मेदार हैं. केजरीवाल आप के राष्ट्रीय संयोजक हैं.
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. तब से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा किया था. चुनाव रिजल्ट आने से दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल को सरेंडर करना पड़ा था.
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