किसानों को ‘निहंगों’ का मिला साथ, पारंपरिक हथियारों के साथ युद्ध में निपुण सिखों को जानते हैं आप?

Farmers Protests: दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन को निहंग सिखों का भी साथ मिल गया है. गुरुवार की देर शाम निहंग सिखों का जत्था सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा और कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को साथ देने का ऐलान कर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2020 7:45 PM

Farmers Protests: देश की राजधानी दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन को निहंग सिखों का भी साथ मिल गया है. गुरुवार की देर शाम निहंग सिखों का जत्था सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा और कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को साथ देने का ऐलान कर दिया. निहंगों ने कहा है सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना होगा, नहीं तो किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. वो किसानों के साथ खड़े हैं.

Also Read: लव जिहाद पर बवाल, ‘मामा’ शिवराज सिंह चौहान बोले- ‘बेटियों से अन्याय करने वालों को तबाह कर देंगे’
सिखों के विशेष तबके होते हैं निहंग

सिख समुदाय का ही एक भाग निहंग होते हैं. इनकी पहचान आक्रामक स्वभाव के साथ ही पारंपरिक हथियार है. निहंग का फारसी में मतलब मगरमच्छ होता है. इन्हें सिखों के योद्धाओं के खास समूह के रूप में भी जाना जाता है. इनकी बहादुरी की कई कहानियां इतिहास में दर्ज हैं. इन सिखों ने मुगलों और अंग्रेजों का भी तगड़ा मुकाबला किया था. इनकी पहचान दुनिया में आक्रामक रुख के कारण होती है.


गुरुओं का आदेश पालन करने वाले

निहंग सिखों को दस गुरुओं के आदेशों का पूरी तरह पालन करने वाला माना जाता है. हर निहंग सिख अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार रहते हैं. वो दस गुरुओं के समय गुरु साहिबानों के प्रहरी होते थे. निहंगों को धर्म की रक्षा की सीख दी गई थी. सिख धर्म पर किसी तरह की आंच आने पर निहंग हथियार से न्याय की जीत निश्चित करते हैं. वो अंतिम सांस तक सिख धर्म, गुरु ग्रंथ साहिब की रक्षा करते हैं.

Also Read: UP पंचायत चुनाव 2021: नए साल में ‘गांव की सरकार’, 6 जनवरी तक अंतिम सूची, यहां पढ़िए हर जरूरी बात
संन्यास के साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन

सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह ने निहंगों के साथ धर्म की रक्षा के लिए हथियारबंद फौज तैयार की थी. निहंगों में आम सिखों से ज्यादा धर्म के लिए कट्टरता होती है. निहंग सिख संन्यास और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. इनके धर्म चिन्ह भी आम सिखों से ज्यादा बड़े होते हैं. निहंग सिख परंपरागत हथियारों और खास परिधानों में दिखते हैं. इन्हें मार्शल आर्ट के साथ युद्ध की दूसरी जरूरी ट्रेनिंग मिलती है. पंजाब में कई गुरुद्वारों का संचालन निहंग करते हैं. मेले या लोहरी में निहंग सिख युद्ध कौशल की झांकी भी दिखाते हैं.

Posted : Abhishek.

Next Article

Exit mobile version