CNG पर चलने वाली टैक्सी को लेकर केजरीवाल सरकार का बढ़ा फैसला, परमिट की वैधता 15 साल बढ़ाई
परमिट की वैधता सरकार ने भले ही बढ़ा दी है, लेकिन इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989, और दिल्ली मोटर वाहन नियम (डीएमवीआर), 1993 में निर्धारित अन्य सभी शर्तें पूरी करनी होंगी.
दिल्ली के हजारों टैक्सी मालिकों को अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ी राहत दी है. परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है कि सीएनजी या अन्य स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली और अनुबंध कैरिज परमिट रखने वाली सभी टैक्सियों के परमिट की वैधता अब 15 वर्ष तक बढ़ा दी जाएगी.
टैक्सी मालिकों को इन शर्तों का करना होगा पालन
परमिट की वैधता सरकार ने भले ही बढ़ा दी है, लेकिन इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989, और दिल्ली मोटर वाहन नियम (डीएमवीआर), 1993 में निर्धारित अन्य सभी शर्तें पूरी करनी होंगी.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, टैक्सी वालकों को मिलेगी मदद
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि इस कदम से हजारों टैक्सी चालकों को मदद मिलेगी. वे अब कुल 15 वर्ष तक अपने सीएनजी वाहनों को चला पाएंगे. उन्होंने कहा, यह शहर में टैक्सी मालिकों और ऑपरेटरों का कल्याण व सुविधा सुनिश्चित करते हुए परिवहन के स्वच्छ तथा हरित तरीके प्रदान करने की दिशा में एक पहल है.
सीएनजी और स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली टैक्सियों को जारी परमिट की वैधता में थी असमानता
दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हाई कोर्ट ने परिवहन विभाग को याचिकाकर्ताओं की शिकायतों की जांच करने और आवश्यक आदेश पारित करने का निर्देश दिया था. मामले की जांच की गई है और यह पाया गया है कि दिल्ली-एनसीआर के भीतर सीएनजी और स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली टैक्सियों को जारी किए गए परमिट की वैधता में असमानता है. इसलिए, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 74 के तहत अनुबंध कैरिज दिल्ली-एनसीआर परमिट जारी करने/अनुदान करने के संबंध में सभी कारकों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और एकरूपता बनाए रखने के लिए, यह आदेश दिया जाता है.