शब-ए-बरात से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दी निजामुद्दीन मरकज को खोलने की अनुमति, भीड़ पर कोई पाबंदी नहीं

Tablighi Jamaat|Markaz Nizamuddin|निजामुद्दीन पुलिस ने तबलीगी जमात में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या 100 तय कर दी थी. लेकिन, जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने उस शर्त से भी राहत दे दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2022 6:35 PM
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नयी दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के दौरान चर्चा में आये निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz building) को खोलने की अनुमति दिल्ली हाईकोर्ट ने दे दी है. शब-ए-बरात (Shab-e- Baraat festival) से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया, उसमें कहा कि मस्जिद के चौथे तल्ले को फिर से खोलने की अनुमति दी जाती है. मरकज में शामिल होने वाले लोगों की संख्या पर कोई पाबंदी कोर्ट ने नहीं लगायी है.

मरकज में शामिल लोगों पर दर्ज हुआ था केस

वर्ष 2020 में जब कोरोना का प्रसार शुरू ही हुआ था, तबलीगी जमात में मरकज हुआ था. दुनिया के कई देशों के लोग इसमें शामिल हुए थे. इसलिए कहा गया था कि तबलीगी जमात की वजह से दिल्ली में कोरोना का प्रसार बढ़ा. मरकज को कोविड19 के दिशा-निर्देशों एवं कानून का उल्लंघन करार दिया गया था. मरकज में शामिल लोगों पर एपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, द फॉरनर्स एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.

हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात बिल्डिंग खोलने की अनुमति दी

बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर तबलीगी जमात बिल्डिंग को खोलने की अनुमति दे दी. निजामुद्दीन पुलिस ने तबलीगी जमात में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या 100 तय कर दी थी. लेकिन, जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने उस शर्त से भी राहत दे दी है. उन्होंने पूछा कि किस आदेश में संख्या पर रोक लगायी गयी है? जब वे कह रहे हैं कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, तो ठीक है. यह उन पर छोड़ देना चाहिए.

शब-ए-बारात पर खुलेगा तबलीगी जमात

बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने तबलीगी जमात के मरकज को पूरी तरह से खोलने का विरोध किया था. हालांकि, कहा था कि कुछ लोगों के साथ यहां इबादत की जा सकती है. 11 मार्च को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए कहा था. मार्च 2020 से अब तक निजामुद्दीन मरकज पूरी तरह से बंद था. अब हाईकोर्ट के आदेश पर इसे फिर से खोला जा रहा है.

Posted By: Mithilesh Jha

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